Date: 05/02/2025, Time:

सवा करोड़ रुपए की बीमा राशि पाने के लिए शव को कार में जलाया, कॉल डिटेल से खुला राज

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बनासकांठा 31 दिसंबर। गुजरात में बनासकांठा जिले के धनपुरा के पास पांच दिन पहले मिली जली कार की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जांच में पता चला कि 1.26 करोड़ रुपए की बीमा राशि पाने के लिए गांव के ही एक शख्श ने अपनी मौत का षड़यंत्र रचा था। आरोपी ने श्मशान से शव निकालकर उसे कार के साथ ही जला दिया था। इतना ही नहीं, 1.26 करोड़ रुपए का बीमा पास कराकर फरार भी हो गया।

बनासकांठा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 27 दिसंबर को धनपुरा गांव के लोगों ने पुलिस को जली हुई कार मिलने की सूचना दी थी। पुलिस ने जांच की तो कार की ड्राइविंग सीट पर जला हुआ शव भी मिला। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि यह कार ढेलाणा गांव में रहने वाले दलपतसिंह परमार की है। वहीं, जली हुई लाश से मिली कुछ चीजों की निशानदेही पर उसकी शिनाख्त दलपत सिंह के रूप में हुई।

हालांकि, जांच टीम के गले यह बात नहीं उतर रही थी कि अचानकर कार कैसे जली। क्योंकि, वह किसी हादसे का शिकार भी नहीं हुई थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने दलपत के मोबाइल की सीडीआर जांच की तो पता चला कि उसने हादसे के कुछ देर पहले ही महेश नरसंग ठाकोर नाम के शख्स से बात की थी। मोबाइल की लोकेशन भी वहीं थी, जहां कार जली हुई मिली थी। कार में मौजूद शव के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए और नतीजे परिवार के सदस्यों से लिए गए नमूनों से मेल नहीं खाए।

जब पुलिस ने गहराई से जांच की, तो उन्हें पता चला कि परमार ने होटल बनाने के लिए भारी कर्ज लिया था और वह कर्ज में डूबा हुआ था। बचने का रास्ता तलाशते हुए उसने कार दुर्घटना में अपनी मौत को फर्जी बनाने की योजना बनाई ताकि उसे परिवार को 1.5 करोड़ रुपये का दुर्घटना कवर और बीमा भुगतान मिल सके। जांच में पता चला कि योजना यह थी कि जब तक उसके परिवार को पैसे नहीं मिल जाते, तब तक परमार छिपता रहेगा। होटल मालिक ने मदद के लिए उसके भाई समेत कुछ रिश्तेदारों को शामिल किया।

बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने बताया कि होटल व्यवसायी ने चार महीने पहले मरे एक युवक का शव कार के साथ जलाया। उसने यह सब करोड़ों रुपये का बीमा हासिल करने के लिए यह किया। आरोपी ने इसके लिए एक दफनाए गए शव को कार में रखकर आग लगाई गई। गुजरात में कुछ हिंदू संप्रदाय अपने मृतकों का अंतिम संस्कार करने के बजाय उन्हें दफनाते हैं। पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना के अनुसार इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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