गाजियाबाद, 18 अगस्त। नंदग्राम थानाक्षेत्र निवासी तीन साल की बच्ची का शव ले जाने के लिए शनिवार को मेरठ से आए चिकित्सकों की टीम को शव देने से परिजनों ने मना कर दिया। कब्र से शव निकालने के बाद परिजनों ने कहा वह मेरठ में पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। रविवार को शव का गाजियाबाद में पोस्टमार्टम कराने का आश्वासन देने पर वह शांत हुए।
हरंबस नगर निवासी तीन साल की बच्ची अपने स्वजन के साथ 15 जुलाई को मेरठ में गई थी। बच्ची के मामा की बारात भावनपुर थाने के दतावली पहुंची थी। बारात में बच्ची भी पिता के साथ गई थी। रात में बच्ची के पिता शादी समारोह में व्यस्त थे। काफी देर तक बेटी नहीं दिखी तो बाराती और घराती समेत गांव वालों ने साथ मिलकर बच्ची की खोज शुरू की। न मिलने पर पुलिस को सूचना दी।
16 जुलाई की सुबह शादी समारेाह स्थल से करीब दो किलोमीटर दूर बच्ची का शव चाकुओं से गुदा हुआ मिला। बच्ची के पिता का कहना है कि इस मामले में मेरठ पुलिस की जांच से वह संतुष्ट नहीं हैं। मेरठ में हुए पोस्टमॉर्टम में बच्ची की मौत की वजह किसी जानवर द्वारा काटने की वजह से बताई गई।
उन्होंने 18 जुलाई को ही डीएम मेरठ से दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की थी। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम कराने में देरी हुई। डीएम मेरठ द्वारा 26 जुलाई को दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने का आदेश दिए जाने के बाद भी कई दिन तक पीएम नहीं हुआ। शनिवार को मेरठ से आई टीम ने बच्ची के शव को दोबारा पीएम के लिए कब्र से निकाला था।
टीम शव को मेरठ लेकर जाने लगी तो स्वजन ने विरोध कर दिया। बच्ची के पिता का कहना है कि दोबारा पोस्टमॉर्टम हम मेरठ में क्यों कराने दें जब मेरठ की टीम ने पहली बार हुए पोस्टमॉर्टम में शरीर पर 22 बार चाकू के वार को जानवर काटने का निशान बताया है। इसलिए हमने गाजियाबाद में ही पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की है। रविवार को यानी आज अब गाजियाबाद में ही पीएम होगा।