asd एटीएम में कैश डालने वाले बैंक कर्मचारी ने ही की 68 लाख की चोरी

एटीएम में कैश डालने वाले बैंक कर्मचारी ने ही की 68 लाख की चोरी

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मेरठ 03 मार्च (प्र)। मेरठ पुलिस ने एक बड़े एटीएम घोटाले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सब एरिया कैंटीन के पास  एसबीआई बैंक की एटीएम में कैश लोडिंग का काम करने वाली सिक्योर वैल्यू कंपनी के एक कर्मचारी और उसके साथी को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने दो आरोपी शुभांशु शर्मा निवासी आनंद विहार रेलवे शिव मंदिर कोतवाली हापुड़ और उसके दोस्त कपिल कुमार निवासी बहजादपुर फलावदा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 14 लाख एक हजार 800 रुपये बरामद किए हैं। दो चाबी और बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा कराए गए 35 लाख रुपये भी सीज किए गए हैं।

एटीएम में सेंधमारी किसी और ने नहीं, बल्कि एटीएम के संरक्षण की जिम्मेदारी संभालने वाले और सिक्योर वैल्यू कंपनी के कर्मचारी ने ही अपने दोस्त के साथ की थी। कपिल वारदात से पहले एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे की तार काट देता था।
पुलिस लाइन में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने वारदात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को सदर बाजार पुलिस को सूचना मिली थी कि सब एरिया कैंटीन के पास सैन्यकर्मियों के लिए संचालित एसबीआई के एटीएम में लाखों रुपये की चोरी हो गई है। बैंक की टीम ऑडिट के लिए पहुंची तो वारदात की जानकारी हुई।

एसपी सिटी ने बताया कि सिक्योर वैल्यू कंपनी के कर्मचारी शुभांशु शर्मा जरूरत के अनुसार जब चाहे किसी भी एटीएम से नकदी निकाल लेता था। जैसे ही उस एटीएम के ऑडिट की जानकारी मिलती थी, वह अपने दूसरे एटीएम से रकम निकालकर उस एटीएम की रकम पूरी कर देता था। 27 फरवरी को ऑडिट टीम को ब्रह्मपुरी क्षेत्र का एटीएम खाली मिला था। इसके बाद गोपनीय स्तर से जांच शुरु की गई। शुरुआती छानबीन में करीब 68 लाख रुपये की सेंधमारी की बात सामने आ रही है। जल्द ही बैंक अफसर वास्तविक रकम की रिपोर्ट देंगे। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई पुलिस चार्जशीट में बढ़ाएगी।

पूछताछ में आरोपी शुभांशु ने बताया कि वह पिछले पांच साल से सिक्योर वैल्यू कंपनी में काम कर रहा है। इस कंपनी के माध्यम से ही एसबीआई के एटीएम में कैश डाला जा रहा था। वह कंपनी में कस्टोडियन के पद पर काम कर रहा है। पासवर्ड से लॉक खोलकर वह वारदात करता था। शुरुआत में उसने जरूरत के हिसाब से कम रुपये निकालने शुरू किए, बाद में उसका लालच बढ़ गया। सभी एटीएम में उसके द्वारा ही कैश डाला जाता था। जब बैंक एटीएम का ऑडिट कंपनी के ऑडिटर द्वारा किया जाता तो वह दूसरे एटीएम से रुपये निकालकर उस एटीएम में पूर्ति कर दिया करता था।

एसपी सिटी के मुताबिक वर्तमान में एसबीआई की ओर से एटीएम में पैसा डालने का टेंडर सिक्योर वैल्यू कंपनी से हिताची कंपनी को दे दिया गया। इस क्षेत्र के सभी एटीएम का कस्टोडियन शुभांशु ही था। सिक्योर वेल्यू कम्पनी की ओर से उसे ही सभी एटीएम का कैश हिताची कंपनी को हैंडओवर करना था। इसी क्रम में 17 फरवरी को उसने हिताची कंपनी के एटीएम आपरेटर रोहित सांगवान और आशीष कुमार निवासीगण के-ब्लाक शास्त्रीनगर को सब एरिया कैंटीन के पास वाला एसबीआई एटीएम और उमराव एंकलेव में लगे एसबीआई एटीएम का कैश हैंडओवर कर दिया था। उसने ही हिताची के कस्टोडियन को एटीएम आपरेट करना और पासवर्ड सेट करना सिखाया था। इसी के चलते जब वह लोग पासवर्ड सेट कर रहे थे तो चुपके से उसने पासवर्ड देख लिए थे। इसके बाद 23 फरवरी को 44वीं वाहिनी पीएसी लोहियानगर के गेट पर लगे एसबीआई एटीएम से 30 लाख रुपये निकाले और उसी दिन दिल्ली रोड ब्रह्मपुरी के एसबीआई एटीएम में 19 लाख रुपये डाले थे।

पुलिस के मुताबिक 27 फरवरी को शुभांशु अपनी बाइक से एसबीआई मेन ब्रांच आया और वहां से ई-रिक्शा करके सब एरिया के पास वाले एटीएम पर आया। उसका पासवर्ड से लॉक खोलकर 23 लाख 73 हजार रुपये निकाले। 28 फरवरी को उमराव एंकलेव में लगे एसबीआई एटीएम पर आया और पासवर्ड से लॉक खोलकर 14 लाख 81 हजार 600 रुपये निकाल लिए। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा गंगानगर ब्रांच में अपने खाते में 35 लाख 47 हजार रुपये जमा कर दिए। इस रकम को पुलिस टीम ने सीज कर लिया है।
शुभांशु ने बताया कि जब वह एटीएम से पैसे निकालता था तो उसका दोस्त कपिल कुमार एटीएम में जाकर सीसीटीवी कैमरा की तार काटने का काम करता था, ताकि फुटेज से बच सकें।

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