गांदरबल 21 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित समूह ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। इस हमले में एक डॉक्टर और छह प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का मास्टरमाइंड TRF प्रमुख शेख सज्जाद गुल है, जिसने अपने स्थानीय मॉड्यूल से यह हमला करवाया। यह पहली बार है जब कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को एक साथ निशाना बनाया गया है। इस हमले की वजह से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने जिले के गुंड इलाके में सुरंग निर्माण का काम कर रही एक निजी कंपनी के मजदूरों के कैम्प पर गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य की इलाज के दौरान अस्पताल में जान चली गई. पुलिस ने बताया कि घटना को अंजाम देने में दो आतंकवादी शामिल थे.
पुलिस और सेना ने हमलावरों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी है. जिन सात लोगों की मौत हुई है, उनमें बिहार के फहीमन नासिर (सेफ्टी मैनेजर), मोहम्मद हनीफ और कलीम, जबकि मध्य प्रदेश के अनिल शुक्ला (मैकेनिकल मैनेजर), जम्मू के शशि अबरोल, पंजाब के गुरमीत सिंह और कश्मीर के डॉ. शाहनवाज शामिल हैं. आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है.
आतंकी हमले में मारे गए डॉक्टर और मजदूर जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में बन रही जेड-मोर्ह सुरंग परियोजना पर काम कर रहे थे। रविवार रात को जब सभी मजदूर अपने शिविर में लौटे थे, तभी आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में घायल हुए पांच अन्य लोग भी सुरंग परियोजना से जुड़े थे। हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पुलिस जांच में जुटी हुई है।
उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने गांदरबल के गगनगीर में नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने आतंकवाद के ऐसे कृत्यों से सख्ती से निपटने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराया है और आतंकवादियों को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों के संकल्प की पुष्टि की है. उप-राज्यपाल ने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है और उन्हें क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करने का निर्देश दिया है.
एलजी मनोज सिन्हा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मैं गगनगीर में नागरिकों पर जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. मैं लोगों को आश्वासन देता हूं कि इस घृणित कृत्य के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. हमने जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दी है. हमारे बहादुर जवान मैदान पर हैं और वे तय करेंगे कि आतंकवादियों को उनकी कार्रवाई के लिए भारी कीमत चुकानी पड़े. इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है. पूरा देश उनके परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है.”
TRF को लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा माना जाता है। हाल के महीनों में जम्मू-कश्मीर में यह पाकिस्तानी संगठन सक्रिय हो गया है। यह संगठन लगातार कश्मीरी पंडितों, सिखों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बना रहा है। पिछले डेढ़ साल में इस संगठन ने कई हमले किए हैं। इस ताजा हमले ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। कश्मीर में आतंकियों की बढ़ती गतिविधियां सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।