शिवगंगा 01 जुलाई। तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में एक मंदिर के सुरक्षा गार्ड अजित कुमार की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है. प्रशासन की तरफ से इस मामले में पहले छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. जांच अधिकारियों ने पांच आरोपी पुलिसकर्मियों को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्होंने गिरफ्तार कर लिया गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अजित कुमार की मौत मामले को हत्या के मामले में बदल दिया गया है और तिरुप्पुवनम पुलिस मामले की जांच कर रही है.
शिवगंगा में एक श्रद्धालु द्वारा सोने के आभूषण गायब होने की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मदापुरम मंदिर के गार्ड अजित कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. जांच के दौरान पुलिस कस्टडी में गार्ड अजित कुमार की मौत हो गई. पुलिस ने शुरू में कहा कि थाने से भागने की कोशिश करते समय उसे दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई.
हालांकि, अजित के परिजनों ने पुलिस की इस थ्योरी को मानने से इनकार कर दिया और उन्होंने न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए. उच्च अधिकारियों की जांच में पता चला कि पुलिस की यातना से अजित की मौत हुई थी.
इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने मामले में 6 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया. 30 जून को जारी की गई प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि अजित कुमार के शरीर पर गंभीर यातना के निशान थे. उनके शरीर पर खोपड़ी से लेकर हाथ, पीठ और पैरों पर कम से कम 18 बाहरी चोटें पाई गईं.
इसके बाद तिरुप्पुवनम क्रिमिनल मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज वेंकटेश प्रसाद ने घटनास्थल का दौरा किया और उसका निरीक्षण किया. बाद में सुरक्षा गार्ड की मौत के मामले में 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अजित कुमार की मौत के मामले में हत्या की धारा शामिल की गई. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 196(2)(ए) के तहत तिरुप्पुवनम थाने में मामला दर्ज किया गया है. इ