लखनऊ 01 अक्टूबर। प्रदेश के बेसिक से विभाग के अंतर्गत संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों को अवकाश के लिए अब शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे. छुट्टियों को लेकर होने वाली वसूली पर भी अब रोक लगेगी. विभाग के इस आदेश से कई सारे 5 लाख से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों को एक बड़ी राहत मिली है. महिला शिक्षकों और कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) और मातृत्व अवकाश के लिए शपथ पत्र अब नहीं देना होगा. उन्हें अब एक बार में अधिकतम 30 दिन की छुट्टी सीसीएल के तौर पर मिल जाएगी. इस संबंध में शासन से मंजूरी मिलने के बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने मंगलवार दिए रात आदेश जारी कर दिए हैं.
महानिदेशक कंचन वर्मा ने अपने आदेश में कहा है कि अभी महत्वपूर्ण अवकाश व सीसीएल लेने पर महिला शिक्षकों और कर्मचारियों को एक शपथ पत्र देना होता था कि वह छुट्टियां ले चुकी हैं और कितनी बाकी हैं. सीसीएल खंड शिक्षा अधिकारियों और बेसिक शिक्षा अधिकारी की मर्जी पर निर्भर होता था.
अब विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया को ही ऑनलाइन कर दिया है. इसके तहत अब कोई भी शिक्षक या कर्मचारी अधिकतम 30 दिन का अवकाश अधिकारियों द्वारा स्वीकृत करना होगा. जनगणना, आपदा, चुनाव, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी व परीक्षा की अवधि वह उसे 5 दिन पूर्व की तिथियां को छोड़कर अनिवार्य रूप से एक बार में 30 दिन का अवकाश शिक्षकों को देना होगा. पूरे सेवा काल में 6-6 महीने का दो बार महत्वपूर्ण अवकाश और 2 वर्ष सीसीएल दिया जाता है.
इसके अलावा शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों को मेडिकल अवकाश में भी राहत दी गई है. महानिदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि मेडिकल अवकाश के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को एलोपैथ, होम्योपैथिक, आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सकों का प्रमाण पत्र मान्य होता था. अब रजिस्टर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स का प्रमाण पत्र भी मान्य होगा. शिक्षकों और कर्मचारियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश व शीतकालीन अवकाश में शासन स्तर पर वह राज्य स्तर पर सक्षम अधिकारियों के आदेश पर ही अर्जित व उपार्जित अवकाश मिलेगा. इसी तरह अभी तक शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश भी दिया जाता था .अब निर्बंधित, प्रतिकार व अध्ययन अवकाश के साथ ही प्रतिकर अवकाश नहीं मिलेगा.