लखनऊ 12 जनवरी। योगी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटलों का प्रापर्टी टैक्स कम करने का निर्णय लिया है। अभी तक होटलों का प्रापर्टी टैक्स आवासीय भवनों का छह गुणा तक होता था। अब सरकार ने होटल को उद्योग का दर्जा देते हुए आवासीय भवनों का तीन गुणा टैक्स लेने का निर्णय लिया है।
नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव पर गत दिवस कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये हरी झंडी दे दी गई। अभी होटलों के प्रापर्टी टैक्स की दरें अलग-अलग निर्धारित हैं। यह आवासीय भवनों का छह गुणा तक है। चार सितारा से कम की रेटिंग वाले होटलों से आवासीय का पांच गुणा प्रापर्टी टैक्स लिया जाता है। चार सितारा व इससे अधिक की रेटिंग वाले होटलों से यह छह गुणा वसूला जाता है।
जिन होटलों में बार की सुविधा होती है, फिर चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों, उनका टैक्स आवासीय भवनों का छह गुणा लिया जाता है। प्रदेश में होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ही सरकार ने इन्हें राहत देने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 में होटलों को उद्योग का दर्जा दिया गया है। नगर विकास विभाग ने प्रापर्टी टैक्स कम करने के लिए निर्धारित प्रारूप में आपत्तियां व सुझाव मांगे थे।
गुरुवार को इनका प्रापर्टी टैक्स कम करने का प्रस्ताव कैबिनेट ने पास कर दिया है। प्रापर्टी टैक्स में छूट उन्हीं होटलों को मिलेगी, जो पर्यटन विभाग में पंजीकृत होंगे। अगर किसी होटल का पंजीकरण पर्यटन विभाग में नहीं होगा तो उन्हें छूट नहीं दी जाएगी। 17 नगर निगमों में जो होटल हैं उसमें वर्ष 2022-23 में 48.36 करोड़ रुपये का प्रापर्टी टैक्स वसूला गया था। प्रापर्टी टैक्स की दरें कम होने से नगर निगमों की आय में कुछ कमी हो सकती है।