asd जामा मस्जिद के 14वें शाही इमाम बने सैयद अहमद बुखारी

जामा मस्जिद के 14वें शाही इमाम बने सैयद अहमद बुखारी

0

नई दिल्ली 26 फरवरी। दिल्ली की जामा मस्जिद को नया शाही इमाम मिल गया है. शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने रविवार को भव्य मस्जिद के प्रांगण में आयोजित एक ‘दस्तारबंदी’ समारोह में अपने बेटे को “अपना ” घोषित किया. औपचारिक घोषणा करने से पहले इमाम बुखारी ने मस्जिद के इतिहास के बारे में बताया… उन्‍होंने कहा कि पहले शाही इमाम को शाहजहां द्वारा नियुक्त किया गया था. वर्तमान शाही इमाम ने बताया कि जामा मस्जिद के पहले इमाम (हजरत सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी, शाही इमाम) को 63 साल की उम्र में शाही इमाम नियुक्त किया गया था.

परंपराओं के मुताबिक, इमामों ने अपने जीवनकाल में ही अपने उत्तराधिकारियों की घोषणा की है. शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, “400 से अधिक वर्षों की परंपरा के अनुरूप, इस जामा मस्जिद से मैं घोषणा करता हूं कि सैयद शाबान बुखारी मेरे उत्तराधिकारी हैं.” उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित इस्लामी विद्वानों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की एक सभा के सामने घोषणा की.

शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की घोषणा के बाद, सिर पर ‘दस्तारबंदी’ (पगड़ी) बांधना शुरू हो गया. अधिकारी ने कहा, सैयद शाबान बुखारी (29) को नवंबर 2014 में एक ‘दस्तारबंदी’ समारोह में मस्जिद के नायब इमाम के रूप में नियुक्त किया गया था. सैयद अहमद बुखारी की मृत्यु या अस्वस्थता की स्थिति में, वह जामा मस्जिद के 14वें शाही इमाम के रूप में काम करेंगे, इसकी घोषणा उनके पिता ने की थी.

17वीं शताब्दी में सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित मुगलकालीन मस्जिद में समारोह एक घंटे से अधिक समय तक चला. कार्यक्रम में दिल्ली समेत अन्य राज्यों के इमाम, उलामा, मौलवी समेत राजधानी दिल्ली के गणमान्य लोग उपस्थिति रहे.

शाबान बुखारी का पूरा नाम सैयद उसामा शाबान बुखारी है. वह ऐतिहासिक और पवित्र जामा मस्जिद के 14वें इमाम होंगे. शाही इमाम के दस्तार बंदी के कार्यक्रम रविवार (25 फरवरी) को ईशा की नमाज (9 बजे) के बाद से रात 11 बजे तक हुआ. इस कार्यक्रम में देश विदेश की नामचीन हस्तियो को आमंत्रित किया गया था. ताजपोशी के लेकर भेजे गए निमंत्रण कार्ड में हालिया शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने लिखा कि यह जामा मस्जिद की परंपरा रही है. जहां हालिया इमाम अपने जीवनकाल के दौरान अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करता है.

इसमें निमंत्रण पत्र में सैयद अहम बुखारी ने दस्तारबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि इस परंपरा के मुताबिक, नए इमाम की दस्तारबंदी समारोह में उनके सिर पर इमामत की पगड़ी बांधकर औपचारिक रुप से नया इमाम की जिम्मेदारी दी जाती है. नए सैयद शाबान बुखारी दिल्‍ली में ही पले-बढ़े हैं और बुखारी खानदान की विरासत के वारिस हैं. एमिटी यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क में मास्टर्स डिग्री रखने वाले शाबान को 2014 में नायब इमाम बनाया गया था.

वह इस्लामी धर्मशास्त्र में आलिम और फाजिल हैं. इस्लाम के बारे में उनकी ज्यादातर तालीम मदरसा जामिया अरबिया शम्सुल उलूम, दिल्ली से हुई है. उनके परदादा सैयद अब्दुल गफूर शाह बुखारी को बादशाह शाहजहां ने जामा मस्जिद का पहला इमाम नियुक्त किया था. अपनी पत्नी साजिया और 2 बेटों के साथ अपने पिता के साथ रहते हैं. सैयद शाबान बुखारी 4 बहन भाई (2 भाई और 2 बहन) हैं.

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680