नई दिल्ली 20 फरवरी। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सख्त निर्देश दिए हैं। शीर्ष कोर्ट ने मेयर चुनाव के वोटिंग रिजल्ट को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई गड़बड़ी के मामले में सुनवाई की। इस दौरान SC ने वकीलों को तलब किए गए आठ अवैध मतपत्रों को दिखाया और उसकी जांच की। अदालत ने माना है कि ये आठ वोट अवैध नहीं, वैध हैं। इसलिए ये आठ वोट भी गिने जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन आठ वोटों को भी वैध माना जाएगा और इसके आधार पर ही परिणाम घोषित किए जाएंगे।
मेयर चुनाव में जब पिछली बार गिनती हुई थी तब भाजपा के मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे। बीजेपी के ख़िलाफ़ कांग्रेस-आप गठबंधन में उतरे उम्मीदवार को 12 वोट मिले थे। इस प्रक्रिया में आठ वोट अवैध घोषित कर दिये गये थे। ये वोट आप-कांग्रेस गठबंधन के थे। गठबंधन के पास कुल 20 पार्षद थे और माना जा रहा था कि चुनाव में कांग्रेस-आप के उम्मीदवार को हराना मुश्किल होगा। कांग्रेस-आप गठबंधन के 8 वोट रद्द होते ही बीजेपी जीत गई थी। यानी अब यदि अमान्य बताए गए आठ वोटों की गिनती वैध मानकर होते ही कांग्रेस-आप के 20 वोट हो गए। और इस तरह आप-कांग्रेस गठबंधन की जीत हो गयी।
सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही सोमवार को प्रस्ताव दिया था कि विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर के लिए नए चुनाव का आदेश देने के बजाय मौजूदा मतपत्रों के आधार पर नतीजे घोषित किए जाएँ। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह निर्देश देगा कि पहले से डाले गए वोटों की गिनती उन निशानों को नजरअंदाज करके की जाए जो पिछले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा उन पर लगाए गए थे।
हालाँकि इस प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आख़िरी मुहर इसलिए नहीं लगाई थी क्योंकि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश हुए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील रख दी थी कि कुछ मतपत्र फटे हुए हैं। इस पर न्यायालय ने इसकी जांच के लिए मंगलवार को मतपत्र पेश करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले रविवार शाम को बीजेपी नेता मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 30 जनवरी को आप के कुलदीप कुमार को हराकर चुनाव जीता था। इस्तीफे के कुछ देर बाद ही बीजेपी ने आप के तीन पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था। समझा जा रहा था कि बीजेपी ने ऐसा इसलिए किया कि फिर से चुनाव कराया जाए और ऐसे में उसके पास अब 19 पार्षद हो जाते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सीजेआई ने सोमवार को कहा था कि वीडियो से यह बिल्कुल साफ़ है कि आप कुछ मतपत्रों पर एक्स का निशान लगा रहे थे। क्या आपने कुछ मतपत्रों पर X चिह्न लगाए हैं?’ इस पर मसीह ने हाँ में जवाब दिया था। जब पूछा गया कि कितने मतपत्रों पर निशान लगाए गए तो मसीह ने 8 बताया था।
मंगलवार को सुनवाई की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट ने मतपत्रों को विकृत किए जाने को लेकर ही की। इसने कहा, ‘कल आपने कहा था कि ये मतपत्र विकृत कर दिए गए थे। क्या आप हमें दिखा सकते हैं कि कहां?’ मुख्य न्यायाधीश ने यह पूछते हुए आठों मतपत्रों को मसीह, उनके वकील और दूसरे पक्षों को भी दिखाया। उन्होंने कहा, ‘सभी आठों ने कुलदीप कुमार के लिए मुहर लगा दी है… वोट श्री कुमार के लिए डाले गए हैं।