नई दिल्ली 15 जून। सुपरटेक रियलटर कंपनी का देश की सबसे ऊंची इमारत बनाने का ख्वाब अब शायद पूरा नहीं हो पाएगा. कंपनी कर्जे में डूबी हुई है और अब ये दिवालिया होने जा रही है. सुपरटेक रियलटर कंपनी को दिवालिया घोषित करने की याचिका बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से दायर की गई थी. बैंक की इस याचिका को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने स्वीकार कर लिया है. बताया जा रहा है कि सुपरटेक रियलटर कंपनी पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र का लगभग 168 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे लेकर दोनों के बीच निपटारा नहीं हो पाया है. इसके बाद बैंक ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया. बताया जा रहा है कि दिवालिया की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी.
एनसीएलटी के फैसले से उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जिन्होंने सुपरनोवा बिल्डिंग में फ्लैट बुक करा रखा है. बताया जा रहा है कि इस बिल्डिंग में कई सेलेब्रिटी ने भी अपना घर बुक करा रखा है. इन फ्लैट्स की कीमतें भी बिल्डिंग की ऊंचाई, जितनी ही हाई है. अब लोगों को फ्लैट के पजेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि आगे की प्रक्रिया काफी लंबी होने वाली है. अगर सुपरटेक रियलटर कंपनी दिवालिया घोषित हो जाती है, तो कोई दूसरी कंपनी इस प्रोजेक्ट का काम पूरा करेगी. ऐसे में काफी समय लग सकता है.
सुपरनोवा बिल्डिंग का काफी काम अभी अधूरा है. इस बिल्डिंग में 80 मंजिल बनाना प्रस्तावित है, लेकिन अभी तक सिर्फ 70 मंजिल ही बन पाई हैं. अभी 10 मंजिल और बनानी बाकी हैं, उसके बाद इंटीरियर का काम भी होगा. यानि अगर कोई दूसरा बिल्डर भी इसे बनाना शुरू करना है, तो उसे भी काफी समय लग जाएगा. सुपरटेक रियलटर कंपनी ने 70 हजार वर्गमीटर में बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट को 2012 में शुरू किया था. लगभग 12 साल इस प्रोजेक्ट को हो गए हैं. आगे कितने साल इसे पूरा होने में लगेंगे, अब ये कहना बेहद मुश्किल है.
सुपरटेक रियलटर कंपनी कंपनी ने सुपरनोवा बिल्डिंग को बनाने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसार्टियम से लगभग 735 करोड़ रुपये की मदद मांगी थी. इसमें से 150 करोड़ रुपये बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दिया था. अब यह रकम ब्याज के साथ लगभग 168 करोड़ रुपये हो गया है. महाराष्ट्र बैंक ने इस रकम को वसूलने के लिए सुपरटेक रियलटर कंपनी को काफी बार नोटिस भेजा, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला, तो उसने एनसीएलटी में याचिका दायर कर दी.
सुपरटेक एक भारतीय रियल एस्टेट कंपनी है, जिसकी स्थापना 1984 में हुई थी. इसका मुख्यालय नोएडा, उत्तर प्रदेश में है. कंपनी आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों के विकास में लगी हुई है. सुपरटेक भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है. इसने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, मेरठ, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और पुणे सहित कई शहरों में कई परियोजनाएं विकसित की हैं. सुपरटेक को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, लेकिन आज कंपनी स्थिति काफी खराब हो गई है. इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण का भी परियोजना पर 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है.