नई दिल्ली 13 मार्च। 9 महीने से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की धरती पर वापसी फिर टल गई है। नासा ने पहले घोषणा की थी कि 13 मार्च को दोनों को वापस लाया जाएगा, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण यह मिशन स्थगित कर दिया गया। उन्हें लेने जा रहे मिशन क्रू-10 को NASA ने टाल दिया है। इस मिशन को बीते दिन यानी 12 मार्च को स्पेसएक्स के रॉकेट फाल्कन 9 से लॉन्च किया जाना था।
यह लंबी देरी बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में आई तकनीकी खामियों के कारण हुई है। मिशन की लॉन्चिंग से कुछ घंटे पहले ही ग्राउंड सिस्टम में समस्या आने के कारण इसे रोकना पड़ा। नासा के प्रवक्ता डेरोल नेल के अनुसार, समस्या हाइड्रोलिक सिस्टम में थी, जबकि रॉकेट और अंतरिक्ष यान पूरी तरह ठीक थे। इस तकनीकी बाधा ने मिशन को फिर से अनिश्चितता में डाल दिया है। अब उनकी वापसी नासा-स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन पर निर्भर करती है। इस मिशन के तहत फाल्कन 9 रॉकेट बुधवार को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाना था, लेकिन देरी के कारण इसे फिर से शेड्यूल किया गया है। आईएसएस पर मौजूद क्रू-9 अंतरिक्ष यान तभी पृथ्वी पर लौट पाएगा, जब क्रू-10 वहां पहुंच जाएगा। इससे यह साफ है कि विलियम्स और विल्मोर को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
सुनीता विलियम्स को किस मिशन पर भेजा गया था?
5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा। दोनों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए मिशन पर भेजा गया था। यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान थी।
जिस मिशन पर सुनीता और बैरी हैं वो नासा के व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है। दरअसल, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे। इसी उद्देश्य से यह टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन का लक्ष्य अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने के रोटेशनल मिशन (बारी-बारी से मिशन) को अंजाम देने की स्टारलाइनर की क्षमता को दिखाना था। लंबी अवधि की उड़ानों से पहले तैयारी को परखने और जरूरी परफॉर्मेंस डेटा जुटाने के लिए क्रू उड़ान परीक्षण को बनाया गया था।
हालांकि, अंतरिक्ष स्टेशन के लिए स्टारलाइनर की उड़ान के दौरान, अंतरिक्ष यान के कुछ थ्रस्टर्स ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। थ्रस्टर्स’ आमतौर पर कम फोर्स वाले रॉकेट मोटर्स को कहा जाता है। थ्रस्टर्स के कमजोर प्रदर्शन के अलावा स्टारलाइनर के हीलियम सिस्टम में कई लीक भी देखे गए। इसके बाद नासा और बोइंग ने अंतरिक्ष यान के बारे में व्यापक डेटा विश्लेषण के जरिए जानकारी जुटाई। इस जांच में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया दुर्घटना के बाद स्थापित हुए संगठन शामिल थे। यह दुर्घटना 1 फरवरी, 2003 को हुई थी। यह दुर्घटना तब हुई थी जब कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में वापस आ रहा था। इस दुर्घटना में सभी सात अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे जिसमें भारतीय मूल की कल्पना चावला भी शामिल थीं।