Date: 19/09/2024, Time:

स्टडी में खुलासा: नमक और चीनी में पाए गए खतरनाक माइक्रोप्लास्टिक

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नई दिल्ली 14 अगस्त। भारत में बिकने वाले सभी नमक और चीनी ब्रांड्स में माइक्रोप्लास्टिक्स की मौजूदगी का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह खबर आपको हैरान कर सकती है। यह दावा पर्यावरणीय शोध संगठन Toxics Link ने अपने हालिया अध्ययन में किया है। रिपोर्ट के अनुसार, चाहे वह बड़ा ब्रांड हो या छोटा, पैक्ड हो या अनपैक्ड, सभी नमक और चीनी ब्रांड्स में माइक्रोप्लास्टिक्स पाए गए हैं।

थिंक टैंक टॉक्सिक्स लिंक (Toxics Link) ने मंगलवार को एक स्टडी की रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक बाजार में बिक रहे लगभग सभी ब्रांड के नमक और चीनी में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी है। सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि आयोडाइज्ड नमक में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा सबसे अधिक है। यह बहुरंगी पतले रेशों और झिल्ली के रूप में मौजूद है।

टॉक्सिक्स लिंक ने इस स्टडी के लिए टेबल नमक, सेंधा नमक, समुद्री नमक और कच्चा नमक सहित आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली नमक की 10 किस्मों और चीनी के 5 तरह के नमूनों को ऑनलाइन और स्थानीय बाजारों से खरीदा। इनमें नमक के दो और चीनी के एक सैंपल को छोड़कर बाकी सभी ब्रैंडेड थे। इन सैंपलों में 0.1 एमएम से 5 एमएम साइज तक माइक्रोप्लास्टिक मिली।

टॉक्सिक्स लिंक के फाउंडर डायरेक्टर रवि अग्रवाल और असोसिएट डायरेक्टर सतीश सिन्हा ने कहा कि नमक और चीनी के सभी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक की पर्याप्त मात्रा का पाया जाना चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि नमक और चीनी में माइक्रोप्लास्टिक की उपस्थिति रेशों, छर्रों, पतली झिल्ली और टुकड़ों के रूप में मिली। यह प्लास्टिक आठ रंगों की थी। इन रंगों में ट्रांसपेरेंट, सफेद, नीला, लाल, काला, बैंगनी, हरा और पीला शामिल हैं। आर्गेनिक चीनी के सैंपल में इसकी मात्रा न्यूनतम पाई गई।

ऐसी चीनी और नमक तो कैंसर का कारण
उनका कहना है कि माइक्रोप्लास्टिक स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा है। माइक्रोप्लास्टिक हानिकारक केमिकल छोड़ती हैं जो इंसानों में प्रजनन संबंधी विकार और कैंसर आदि का कारण बनते हैं। यह प्लास्टिक के कण खाने, पानी और हवा से शरीर के अंदर पहुंचते हैं। माइक्रोप्लास्टिक की वजह से फेफड़ों में सूजन और कैंसर, हार्ट अटैक, मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध और बांझपन आदि का खतरा बढ़ता है।

भारतीय ज्यादा खाते हैं नमक और चीनी
कई स्टडी रिपोर्ट बताती है कि औसत भारतीय तय मानक से बहुत ज्यादा नमक और चीनी का उपभोग करते हैं। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक और भारतीय एक दिन में 10.98 ग्राम नमक और करीब 10 चम्मच चीनी खा लेता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन या WHO के मानकों से बहुत अधिक है। इसी वजह से भारतीयों को तरह-तरह की बीमारियां घेर रही हैं। डायबिटीज के मामले में तो भारतीय कुछ ज्यादा ही आगे निकल रहे हैं।

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