लखनऊ 04 जनवरी। कानपुर की पान मसाला फैक्ट्रियों पर सख्ती बढ़ाने के बाद अब राज्य कर विभाग इसका दायरा पूरे प्रदेश में बढ़ाने जा रहा है। राज्य कर विभाग ने पान मसाला, गुटखा, तंबाकू और सरिया जैसे संवेदनशील उत्पादों का उत्पादन करने वाली 80 फैक्ट्रियां चिह्नित की हैं।
राज्य कर विभाग का मानना है कि इन फैक्ट्रियों में होने वाले उत्पादन और बिक्री के सापेक्ष बहुत कम रिटर्न दाखिल हो रहा है। ऐसे में अब राज्य कर विभाग इन फैक्ट्रियों पर सीधे निगरानी करेगा। लखनऊ स्थित मुख्यालय में एकीकृत कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इस कंट्रोल रूम का एक्सेस न केवल राज्य कर विभाग के अधिकारियों के माध्यम से फैक्ट्रियों तक होगा। वहींं, फैक्ट्रियों के गेट पर लगे कैमरे की कमान भी विभाग खुद लेगा।
पिछले साल नवंबर में राज्य कर विभाग ने एक ई-वे बिल पर बार-बार संवेदनशील उत्पाद ले जाने के मामले को पकड़ने के लिए कानपुर की पान मसाला फैक्ट्रियों पर सख्ती शुरू की थी। बाडी वार्न कैमरों के साथ अधिकारियों की तैनाती की गई। हालांकि इन सबके बीच पिछले दिनों पान मसाला लदे चार ट्रकों को बिना ई-वे बिल के साथ लखनऊ की एसआइबी की टीम ने पकड़ लिया था।
इस बीच उच्च स्तर पर गठित एक टीम ने विभाग के आइटी अनुभाग की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश की सरिया और पान मसाला, तंबाकू व गुटखा जैसे संवेदनशील श्रेणी के उत्पाद बनाने वाली 80 फैक्ट्रियों को चिह्नित किया है, जिनके ई-वे बिल और उनकी उत्पादन क्षमता में अंतर दिख रहा है। इसमें कानपुर की 14, नोएडा व आसपास के क्षेत्रों की 18, लखनऊ की आठ फैक्ट्रियां भी शामिल हैं। राज्य कर विभाग ने इनको मिलाकर सभी 80 फैक्ट्रियों के मालिकों को नोटिस भेजकर उनके यहां लगे सीसीटीवी कैमरों का एक्सेस मांगा है। साथ ही जिन फैक्ट्रियों के महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, उन स्थानों को चिह्नित कर उसी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा गया है।