मुंबई 24 मई। मुंबई की सत्र अदालत ने 2011 में चर्चित अभिनेत्री लैला खान और पांच अन्य की हत्या के मामले में सौतेले पिता परवेज टाक को फांसी की सजा सुनाई है. जबकि सबूत मिटाने के लिए कठोर कारावास की सजा दी गई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सचिन पवार ने नौ मई को टाक को हत्या और सबूतों को नष्ट करने के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अन्य अपराधों का दोषी पाया था. इस पर फैसला शुक्रवार को सुनाया गया कि दोषी को क्या सजा दी जाएगी.
अभिनेत्री लैला, उनकी मां और उनके चार भाई-बहनों की साल 2011 के फरवरी में महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी में हत्या कर दी गई थी. परवेज टाक लैला की मां सेलिना का तीसरा पति था. लैला, उनकी मां और उनके चार भाई-बहनों की फरवरी 2011 में महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी. लैला और उसके परिवार की गुमशुदगी की शिकायत लैला के पिता नादिर पटेल ने दर्ज करवाई थी. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो मिले सूबतों के आधार पर परवेज टाक पर शक गया.
सरकारी पक्ष ने कोर्ट से आरोपी को मौत की सजा देने की मांग की थी. सरकारी पक्ष का दावा है कि यह बेहद ही दुर्लभ मामला है और 2012 में सामने आए इस खौफनाक हत्याकांड ने बॉलीवुड जगत समेत पूरे भारत में सनसनी फैला दी थी. पुलिस के मुताबिक साल 2011 में आरोपी और सौतेले पिता परवेज टाक लैला खान, उसकी मां सेलिना, जुड़वां भाई-बहन जारा और इमरान, बड़ी बहन आफरीन पटेल और भतीजी रेशमा खान को इगतपुरी के एक फार्महाउस में ले गया और वहां बेरहमी से उन सभी का कत्ल कर दिया.
पुलिस से बचने और सबूत छिपाने के लिए परवेज ने छह शवों को फार्महाउस के स्विमिंग पूल के गड्ढे में मिट्टी डालकर और गद्दों के नीचे दबा दिया था. ओशिवारा पुलिस स्टेशन में 4 जुलाई 2012 को ये मामला दर्ज किया गया था. जिसे बाद में अपराध शाखा की यूनिट 8 को जांच दे दी गई. यूनिट 8 के प्रमुख वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दीपक फटांगरे के नेतृत्व में जांच शुरू की गई और आरोपी परवेज टाक को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से पुलिस पकड़कर मुंबई ले आई.
परवेज से पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने इगतपुरी में लैला के फार्महाउस पहुंची और परवेज द्वारा बताई गई जगह पर खुदाई कर छह मानव कंकाल निकाले. अभियोजन पक्ष ने कहा था कि संपत्तियों पर बहस के बाद टाक ने पहले सेलिना की और फिर लैला और उनके चार भाई-बहनों की हत्या कर दी.