Date: 23/12/2024, Time:

कैराना में सपा की इकरा हसन की रिकार्ड जीत, प्रोफेसर का ख्वाब तोड़ लंदन से आईं

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शामली 05 जून। उत्तर प्रदेश में लोकसभा परिणाम में निराशाजनक प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी को कैराना लोकसभा सीट से भी हाथ धोना पड़ गया है। यहां पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी इकरा हसन ने भाजपा के निर्वतमान सांसद प्रदीप चौधरी को रिकार्ड मतों से हराकर जीत हासिल की है। सूबे की महत्वपूर्ण सीट कैराना से सांसद चुनी गई इकरा हसन की मंजिल सियासत में आना नहीं था। पारिवारिक परिस्थिति इकरा को लंदन से भारत खींच लाई। प्रोफेसर बनने का ख्वाब भी छूट गया। इकरा सियासत में उतरी तो यहां भी अपनी अनोखी छाप छोड़ दी। कैराना लोकसभा में दो परिवारों के बीच की पुरानी जंग में इकरा की जीत से समर्थकों में खुशी का माहौल बना हुआ है।

मंगलवार को मतगणना के शुरुआती रुझानों से ही इकरा हसन बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप चौधरी पर भारी पड़ती नजर आई। उन्होंने 5 लाख 28 हजार 13 मत हासिल किए और भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी को रिकार्ड 69 हजार 116 वोट के अंतर से करारी शिकस्त दी। जीत के बाद इकरा हसन अपने भाई नाहिद हसन के साथ शामली के नवीन मंडी में स्थित मतगणना स्थल पर पहुंची, जहां पर डीएम शामली रविंद्र सिंह से उन्होंने जीत का प्रमाण पत्र लिया।

इससे पूर्व वर्ष 2019 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने इकरा हसन की मां तबस्सुम को चुनाव में हराया था, जबकि प्रदीप इससे पूर्व 2012 के गंगोह विधानसभा चुनाव में इकरा हसन के भाई नाहिद हसन को भी हरा चुके थे। इकरा हसन ने कैराना लोकसभा सीट पर प्रदीप चौधरी को भारी मतों के अंतर से हराते हुए अपनी मां और भाई की हार का हिसाब-किताब भी चुकता कर लिया है।
जीत के बाद इकरा हसन ने कहा कि बीजेपी प्रोपरगैंडा चलाती है और जनता में फरेब परोसने का काम करती है, लेकिन अब जनता उनकी असलियत को पहचान चुकी है और आज के चुनाव परिणाम यह सिद्ध करते हैं। इकरा ने कहा कि कैराना की जनता ने पहले चरण के मतदान के साथ ही देशभर के लोगों को संदेश पहुंचाया था, जिसकी बदौलत आज पूरे देश में बीजेपी को भारी नुकसान हुआ है।

इकरा ने कहा कि वह विकास, महिला उत्थान और शिक्षा के क्षेत्र में काम करेंगी। उधर नवनिर्वाचित सांसद इकरा हसन का कहना है कि वह लोगों की समस्याओं को संसद में उठाएंगी। यह जीत जनता की जीत है शिक्षा और महिलाओं के उत्थान के लिए करूंगी। इकरा हसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह जीत जनता जनार्दन की जीत है। वह युवाओं और किसानों की समस्याओं को वह प्रमुख रूप से दिल्ली की संसद में उठाने का काम भी करेगी।

बताते चले कि इकरा हसन लंदन में पढ़ाई करने के लिए घर छोड़कर गई थी। साल 2022 में वह पीएचडी कर रही थी, लेकिन इकरा की मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन और भाई विधायक नाहिद हसन पर मुकदमा दर्ज होने के चलते वह पढ़ाई को बीच में छोड़कर घर वापस लौट गई। इसके बाद पुलिस ने उनके भाई को चुनाव से पहले जेल भेज दिया था। विधानसभा 2022 में नाहिद हसन को जीताने के लिए इकरा ने पहली बार कैंपेन को लीड़ किया था। लोगों के बीच में गई और उनके भाई ने जीत दर्ज करली।
भाई के चुनाव का सफलता से प्रबंधन किया तो वही अब खुद का चुनाव भी सलीके से लड़ा और दमदार जीत दर्ज की। भले ही प्रोफेसर का ख्वाब अभी अधूरा है, लेकिन अब वो विकास, महिला, शिक्षा, गरीब, मजलूमों को इंसाफ दिलाने का काम करेगी।

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