जैसे जैसे बीमारियों की संख्या में इजाफा हो रहा है वैसे वैसे अपने स्वास्थ्य के प्रति जो भी व्यक्ति जरा सा सतर्क है वो खुद और अन्यों को भी बीमारियों से बचने के अपने अनुभव बताकर चौकस कर रहा है। देश में मधुमेह और बीपी व इससे संबंध बीमारियों की पैदावार आदमी के शरीर में सुरसा के मुंह की भांति बढ़ रही है। जानकारों का मानना है कि इनसे बचने के लिए अगर गर्भवती महिलाएं कम चीनी और नमक का उपयोग करें तो इन दोनों बीमारियों से बच्चे काफी हद तक सुरक्षित रह सकते हैं। चिकित्सकों के अनुसार जन्म के एक हजार दिन तक शिशु के आहार में चीनी और नमक की मात्रा सही सही हो तो वो आगे चलकर कई बीमारियों से बचा रह सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक दिन में दो ग्राम से कम नमक लेने वालों को दस साल तक दिल और किडनी की बीमारी का जोखिम कम हो जाता है।
डॉ. तनुराज सिरोही ने कहा
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. तनुराज सिरोही का मत है कि कुछ बीमारियां जैसे डायबिटिज एवं कैंसर आदि को नियंत्रित करने में वीगन डाइट फायदेमंद है। अधिक पौधे आधारित आहार खाने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है। तनुराज सिरोही का कहना है कि एंटी बायोटिक दवाओं का सेवन लीवर को खराब करता है। झोलाझाप मरीजों को खूब एंटीबायोटिक खिलाते है। जिससे लीवर फेल होने का खतरा बना रहता है। इसलिए बुखार के मरीजों में लीवर की बीमारियां मिल रही है। मेरा मानना है कि डॉ. तनुराज सिरोही की राय हमें स्वस्थ रखने और दवाई के खर्च से बचाने में काफी महत्व रखती है और यह भी पक्का है कि अगर सावधानी बरती जाए तो अस्पतालों व डॉक्टरों की शरण में जाने से बचा जा सकता है।
वीगन डाइट से यह नुकसान भी है
देश में शाकाहार और मांसाहार दो ही तरह की खाद्य पदार्थ हमारी पसंद के हुआ करते थे। फल भी उपयोग किए जाते थे लेकिन अब सिर्फ पौधों से मिलने वाले फल सब्जियां वीगन डाइट के उपयोग करने वालों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन इसमें भी यह जरूरी है कि खानपान का ध्यान रखा जाए वरना कुछ डॉक्टरों के अनुसार वीगन डाइट की वजह से एनीमिया हार्मोस का असंतुलन विटामिन बी 12 की कमी ओमैगा 3 फैटी की कमी की शिकायत भ्ीा मिलती है। इसलिए वीगन डाइट के साथ ही अपने आहार में प्रोटीन विटामिन कैल्शियम जिंक और ओमैगा 3 भी शामिल करना जरूरी है।
आज वर्ल्ड वीगन डे के अवसर पर इससे संबंध और कुछ बीमारियों से बचाव को लेकर जितनी भी खबरें मिली उससे सिर्फ एक अहसास जरूर हुआ कि हम मांसाहारी हो या शाकाहारी व वीगन खानपान सबका सेवन तो करें लेकिन संतुलित मात्रा में फायदे वाली चीजें ज्यादा खाए तो मेरा मत है कि थोड़ी मात्रा में सब चीजें खाकर अपने आपको स्वस्थ रख सकते है। अगर प्रतिदिन घूमना व्यायाम करने के साथ साईकिल चलाने के साथ तनाव लेने से बचते हैं तो वो मांस मछली दूध पनीर डेयरी उत्पाद खाकर बीमारियों से बचा रह सकता है और वैसे भी धीरे धीरे तमाम लोगों का रूझान मांसाहार की तरफ से हट रहा है और शाकाहार की ओर बढ़ रहा है। जहां तक वीगन खानपान की बात करें तो हम टमाटर खीरा मूली गाजर सहित फलों का सेवन करते है। लेकिन हर कोई आर्थिक कारणों के चलते इन चीजों का उपयोग खाने में कर सके ऐसा संभव नहीं है।
इसलिए मेरा मानना है कि पीएम मोदी द्वारा जो मोटे अनाज को खानपान में अपनाने की बात को बढ़ावा दिया जा रहा है अगर उसे मानकर हम चना बाजरा ज्वार जैसी मोटे अनाज की वस्तुएं खाएं तो वो भी मधुमेह व अन्य बीमारी से बचाने में मदद कर ही सकती है। रागी की बात करें तो डॉक्टर हमेशा राय देते हैं कि रागी का आटा खाओ तो हर आदमी के लिए रागी और अलसी से बनी खाद्य सामग्री महंगी होने के चलते संभव नहीं है मगर खीरा गाजर मूली मौसम के अनुसार और मोटे अनाज का उपयोग कर हम बीमारियों से बच सकते हैं क्येांकि हर कोई वीगन खानपान को उपयोग की स्थिति में नहीं रहता। जब भूख लगती है तो हर चीज लाभदायक ही नजर आती है। इसलिए आप कुछ भी खाओ मगर खाली पेट मत रहो।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
वर्ल्ड वीगन डे पर विशेष! मधुमेह व बीपी कैंसर से बचना है तो कम और समय से खाओ, फल और सब्जियों के साथ मोटे अनाज का करो उपयोग
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