asd केके पाहवा जी के 90वें जन्मदिन पर विशेष, जरूरतमंदों की मदद करने में अग्रणी संवेदनशील ईमानदार अधिवक्ता रहे  

केके पाहवा जी के 90वें जन्मदिन पर विशेष, जरूरतमंदों की मदद करने में अग्रणी संवेदनशील ईमानदार अधिवक्ता रहे  

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लगभग 6 दशक तक लोगों को न्याय दिलाने अथवा अपने क्षेत्र से संबंध राहत उपलब्ध कराने के लिए एक अधिवक्ता के रूप में हर क्षेत्र में नाम कमाने के साथ ही क्रिमनल के अधिवक्ता केके पाहवा ने अपनी मेहनत और समाज के जरूरतमंद नागरिकों की मदद और अपने काम में ईमानदारी बरतने के साथ ही आर्य समाज सहित धार्मिक सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न रूपों में आगे बढ़कर अपनी सेवाऐं देकर या समर्थ लोगों को सामने लाकर जरूरतमंदों की मदद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


बीती 23 फरवरी को उनके पुत्र सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख अधिवक्ता विकास पाहवा एवं दुबई में एक सुखी और संपन्न परिवार के मुखिया के रूप में खुशहाल जीवन यापन कर रहे विनीत पाहवा पुत्री निलिमा वाधवा ने अपनी माता जी श्रीमति प्रेम लता पाहवा के साथ मिलकर परिवार के सभी सदस्यों के सहयोग से केके पाहवा साहब का 90वां जन्मदिन धूमधाम से श्री पाहवा के सहयोगियों तथा मित्रों व परिवार का हिस्सा समझे जाने वाले सदस्यों की उपस्थिति में मनाया। अपनों ने बधाई और शुभकामनाऐं देकर उनके स्वस्थ रहने व परिवार की खुशहाली की कामना की।
80 के दशक से लेकर अब तक लगभग 47 साल में पाहवा साहब का सानिध्य व आशीर्वाद तथा ऐसा स्मणीय सहयोग कई बार मिला जिसे मैं भुला नहीं सकता। इसलिए जब निमंत्रण मिला तो उनके 90वें जन्मदिन पर अपने पुत्र सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य अंकित बिश्नोई एक्टर कबीर सिंह के साथ जन्मदिन समारोह में पहुंचा और पिछले लगभग बीस साल से इस अवसर पर हमेशा पाहवा साहब के सद् कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित किये जाने की परंपरा को निभाते हुए विकास पाहवा व विनीत पाहवा तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दुपट्टा व साफा पहनाकर तथा तुलसी का पौधा भेंट कर सम्मानित कर खुद को गौरांवित किया।
बताते चले कि लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं एक लाला जी दुकान सिंघल भंडार पर 4 रूपये महीने की नौकरी करता था तो दुकान के मालिक आनंद स्वरूप सिंघल और उनके मिलने आने वालों के बीच किसी मामले को लेकर अदालत जाने की चर्चा चलती थी तो श्री अहलुवालिया नरेन्द्र पाल सिंह बाद में रोहताश अग्रवाल गजेन्द्र सिंह धामा और केके पाहवा का नाम प्रमुख और कामयाब वकीलों के रूप में सुनने को मिलता था।
ग्रामीण कहावत बिल्ली के भागो छिका छुटा मेरे साथ घट गई और मैं अनपढ़ होने के बावजूद नौकरी छोड़ मजदूरी करने के साथ ही एक साप्ताहिक समाचार पत्र औघड़नाथ का प्रकाशन करने लगा। आपने भी सुना होगा सिर मुडाते ही ओले पड़े ऐसा ही मेरे साथ हो गया। क्योंकि साप्ताहिक औघड़नाथ में छपि एक खबर को लेकर एक बड़े उद्योगपति ने 50 लाख मान हानि का दावा कर नोटिस भेजा जिसे शब्द मिलाकर पढ़ने पर मेरे पैरों से जमीन खिसक गई क्योंकि मैंने तो कभी तब तक 5 हजार रूपये भी कभी नहीं देखे थे। तभी मेरे दोस्त पंजाब केसरी के संवाददाता रहे सतीश सिंघल जो अब इस दुनिया में नहीं है उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि पाहवा साहब के यहां चलते है। पहले तो मैं उनका नाम सुनकर ही चक्करा गया कि इतना बड़ा वकील हमसे बात क्यों करेंगा। लेकिन उनके हौंसला बढ़ाने पर न्यू मार्किट स्थित पाहवा साहब के बस्ते पर नवंबर 1989 की बात है मैं और सतीश सिंघल पहुंच गये हमारी पूरी बात सुनने के उपरांत पाहवा साहब ने जिस प्रकार अपनेपन और सम्मान के साथ हमें बैठाया और अपने सहयोगी से चाय नाश्ता मंगाकर कराया और बोले बिश्नोई भाई यह नोटिस छोड़ जाओ मैं अपने आप देख लूं। दोस्तों आपको ताज्जुब होगा कि उस नोटिस का उन्होंने कैसे समाधान किया मुझे आज तक पता नहीं चला। हां यह जरूर है कि समाचार पत्र से संबंध लगभग 38 मामलों में पाहवा साहब ने मुझे हर तरह से राहत दिलवाई लेकिन कभी इक्ट्ठे पैसे भी मुझसे नहीं लिये। और एक बार तो कई तारीखों पर उपस्थित न होने के परिणाम स्वरूप जब मैं अदालत में पेश हुआ तो जज साहब ने मुझे बैठा लिया और जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी तभी पाहवा साहब का सहयोगी पाहवा साहब के पास गया और कई दर्जन वकीलों के साथ अदालत पहुंचे और लगभग दो घंटे की बहस के उपरांत मुझे जेल जाने से बचाया। हर तरह से अपनों का ख्याल रखने वाले संवेदनशील सोच रखने वाले चाहे वो उद्योगपति हो या बड़ा व्यापारी अथवा बिना सोर्स सिफारिस वाला कर्मचारी पाहवा साहब सबको न्याय दिलाने के साथ तत्परता से खड़े रहे। मेरे अंदर ना पहले कोई खासियत थी और ना आज है। लेकिन बावजूद जो काम मुझे करना चाहिए था वो पाहवा साहब अपना आशीर्वाद रखने हेतु हर त्योहार व नये साल आदि विशेष अवसरों पर कभी फूलों के बुके कभी मिठाई के डिब्बे लेकर मेरा उत्साह बढ़ाने आ जाते थे। ऐसी महान सख्सियत को उनके 90वें जन्मदिन पर मैं अपने परिवार और संस्थान की ओर से नमन करते हुए पाहवा साहब के स्वस्थ रहने और लंबी आयु होने के साथ ही परिवार की खुशहाली की कामना करते हुए सभी को बधाई देता हूं। वर्तमान समय में पाहवा साहब के पास आने वाले लोगों को सही जानकारी देने और उनकी समस्याओं के समाधान करने में एडवोकेट राकेश गुप्ता एडवोकेट विक्रांत गोस्वामी के साथ अनिल गिरि और फईम कुरैशी आदि सक्रिय है।
प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए

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