Date: 26/12/2024, Time:

यूपी से सपा आलोक रंजन, जया बच्चन और रामजी लाल सुमन को भेज सकती है राज्यसभा, चर्चा तेज

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लखनऊ 12 फरवरी। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव की तैयारियां तेज हैं। 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं। संख्या बल को आधार बनाया जाए तो सात सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार जिता सकती है। भाजपा ने अपने सात उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। वहीं, समाजवादी पार्टी की लिस्ट पर हर किसी की नजर है। इसको लेकर कई दावा किया जा रहा है। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में पीडीए यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। अल्पसंख्यक वोट बैंक के भाजपा से अलग होने की स्थिति में अखिलेश इस पर स्वाभाविक अधिकार मान रहे हैं। कांग्रेस के साथ आने से इस वर्ग का वोट बैंक एक बार फिर सपा के पाले में आ सकता है। ऐसे में पार्टी पिछड़ा, दलित वर्ग को साधने की कोशिश कर सकती है। अखिलेश यादव की ओर से यूपी में होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर पूर्व आईएएस आलोक रंजन, पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन और दलित चेहरे रामजी लाल सुमन को उम्मीदवार बना सकते हैं।

आलोक रंजन उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके हैं। अखिलेश यादव सरकार में उन्हें जून 2014 में मुख्य सचिव बनाया गया था। एक जुलाई 2016 को वे रिटायर हो गए। दो साल से अधिक उन्होंने इस पद को संभाला। मुख्य सचिव पद से हटाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार और यूपीएसआईडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम) के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया था। यूपी चुनाव 2017 में सपा की हार के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया था। उन्हें मुलायम खेमे के अधिकारियों में गिना जाता रहा है।

मशहूर फिल्म अभिनेता और महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन को समाजवादी पार्टी पांचवीं बार लगातार राज्यसभा भेज सकती है। पार्टी वर्ष 2004 से लगातार उन्हें राज्यसभा भेज रही है। वर्ष 1992 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्मश्री सम सम्मानित किया था। राज्यसभा में अपने अलग अंदाज के कारण वह काफी चर्चा में रहती हैं। बच्चन परिवार का मुलायम परिवार से करीबी नाता रहा है।

रामजी लाल सुमन समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं। वर्ष 1999 से 2009 तक वे दो टर्म फिरोजाबाद लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। अखिलेश यादव ने पिछले दिनों उन्हें पार्टी का एक बार फिर राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया था। समाजवादी पार्टी के दलित नेताओं में बड़ा चेहरा के रूप में उनकी पहचान रही है। रामजीलाल सुमन पहली बार 1977 में लोकसभा पहुंचे थे। महज 26 साल की उम्र में पहली बार रामजीलाल सुमन ने जनता पार्टी के टिकट पर फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा। लोकसभा के लिए चुने गए। 1977 के बाद 1989 में फिर से संसद पहुंचे। चंद्रशेखर के करीबी रहे रामजीलाल सुमन को 1991 में श्रम कल्याण महिला कल्याण एवं बाल विकास जैसे मंत्रालय का केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया।

1993 में समाजवादी पार्टी के गठन के बाद रामजीलाल सुमन ने मुलायम सिंह यादव का साथ देने का संकल्प लिया। वे मुलायम के भरोसेमंद बने रहे। रामजीलाल सुमन 1999 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़े और एक बार फिर जीते। 2004 में समाजवादी पार्टी ने अपने भरोसेमंद सिपाही पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर चुनाव लड़ाया। रामजीलाल सुमन को फिर से जीत मिली। अब वे अखिलेश के साथ खड़े दिख रहे हैं।

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