Date: 26/12/2024, Time:

सपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित किए 3 उम्मीदवार

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लखनऊ 13 फरवरी। समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है। पार्टी लगातार पांचवीं बार जया बच्चन को राज्यसभा भेजने जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन व अवकाश प्राप्त मुख्य सचिव आलोक रंजन को भी राज्यसभा का प्रत्याशी चुना गया है।

बता दें कि सपा ने राज्यसभा में ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के लिए मुलायम के करीबी व कद्दावर दलित नेता रामजी लाल सुमन पर भरोसा जताया है। यहां पर प्रो. रामगोपाल यादव व जावेद अली खान पहले से पिछड़े व अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में राज्यसभा प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए विधायकों की बैठक बुलाई थी। इसमें जया बच्चन, रामजी लाल सुमन व आलोक रंजन के नाम पर मुहर लग गई। मंगलवार को सपा के तीनों ही प्रत्याशी नामांकन करेंगे। राज्यसभा सीट के लिए 37 विधायकों के वोट चाहिए।

सपा के वर्तमान में 108 विधायक हैं, उसे तीन सीटों पर जीत के लिए 111 विधायकों की जरूरत है। चूंकि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में सपा भी शामिल है ऐसे में उसे कांग्रेस के दो विधायकों का समर्थन मिल जाएगा। उसे सिर्फ एक वोट की और जरूरत पड़ेगी। पार्टी का दावा है कि उसके पास तीन प्रत्याशी जिताने के लिए पर्याप्त बहुमत है।

अखिलेश यादव ने पीडीए फार्मले के तहत राज्यसभा का टिकट दिया है। पार्टी के दलित चेहरे रामजी लाल सुमन को राज्यसभा भेजा जा रहा है। यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को उच्च सदन में नामित करने का फैसला किया है। वहीं आलोक रंजन संभवतः पहले पूर्व नौकरशाह हैं जिन्हें सपा ने उच्च सदन में भेज रही है। मुलायम के वफादार रामजी लाल सुमन सपा के वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें हाल ही में अखिलेश यादव ने सपा का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया था। जबकि रामजी सुमन पार्टी के सबसे प्रमुख दलित चेहरों में से एक हैं। जया बच्चन आधी आबादी (आधी आबादी शामिल महिलाएं) का प्रतिनिधित्व करती हैं जो पीडीए में ‘ए’ को दर्शाता है। ए का मतलब आलोक रंजन द्वारा प्रतिनिधित्व की जाने वाली अगड़ी (अगड़ी जातियां) भी है।

बता दें कि यूपी से दस राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे। सोमवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय में हुई बैठक में तीनों नामों पर चर्चा हुई और पार्टी नेताओं ने सर्वसम्मति से अंतिम फैसला लेने के लिए अखिलेश यादव को अधिकृत किया था।

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