नई दिल्ली 08 नवंबर। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने “विश्व-प्रथम” कदम बताते हुए इसकी घोषणा की। यह कानून अगले साल के अंत तक प्रभावी हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया एक आयु-प्रमाणन प्रणाली का परीक्षण कर रहा है ताकि बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों तक पहुंचने से रोका जा सके। इस प्रणाली के तहत बायोमेट्रिक्स या सरकारी पहचान जैसी पहचान विधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि वास्तव में ऐसा हुआ तो यह दुनिया का पहला देश होगा जिसने इस तरह के आयु वेरिफिफिकेशन सिस्टम के माध्यम से प्रतिबंध को लागू करने की योजना बनाई है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा कि है कि देश में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने को लेकर नया कानून बनाना होगा। उन्होंने कहा कि फेसबुक और टिकटॉक जैसी ऐप्स की वजह से वो ये बैन लगाने पर मजबूर हो रहे हैं।
पीएम ने कहा ‘यदि ये ऐप्स बच्चों पर बैन नहीं लगाती हैं, तो इन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। देश में यह कदम माता-पिता के लिए उठाया जा रहा है। सोशल मीडिया बच्चों को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है और मैं इस पर रोक लगा रहा हूँ’। ‘मेरे सिस्टम पर ऐसी चीजें दिखाई देती हैं जिन्हें मैं नहीं देखना चाहता। एक नासमझ 14 वर्षीय बच्चे की तो बात ही छोड़िए’।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सोशल मीडिया हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है और अब इसे रोकने का समय आ गया है. साथ ही उनकी सरकार की मंत्री ने बताया कि इस बैन में कौन-कौन से प्लेटफॉर्म शामिल होंगे.
इस साल पार्लियामेंट में किया जाएगा पेश
कानून बनाने के लिए इस साल पार्लियामेंट में अध्यायदेश को पेश किया जाएगा और कानून पास होने के 12 महीने के बाद यह उम्र सीमा लागू कर दी जाएगी. हालांकि पेरेंटल कंट्रोल देने वाले को किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने बताया, इस कानून के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जिम्मेदारी उठानी होगी कि 16 साल से कम आयु वर्ग के बच्चे इनका इस्तेमाल ना कर सकें.
इस कानून के आने बाद के Meta के Instagram और Facebook के साथ बाइटडांस का Tiktok और Elon Musk का X प्लेटफॉर्म भी शामिल है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि YouTube भी संभवतः इसमें शामिल होगा. हालांकि अभी तक चारों कंपनियों की तरफ से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.