बेहट (सहारनपुर) 26 जून। श्री शाकंभरी सिद्धपीठ के आसपास के क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योगी सरकार की गंभीरता अब साकार रूप लेने लगी है। पर्यटन के विकास के लिए राजस्व विभाग की मिरगपुर पांजूवाला गांव स्थित भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास हो गया है। अब शीघ्र ही इस प्रस्ताव पर कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश जल निगम आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा।
योगी सरकार प्रदेश में धार्मिक स्थलों को पर्यटन के रूप में भी विकसित करने का एक अभियान अपने पहले कार्यकाल से ही चला रही है। सरकार की इस मुहिम में शिवालिक में प्रतिष्ठित सिद्धपीठ की शाकंभरी देवी भी शामिल है। इस क्षेत्र को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना पर काफी दिनों से काम चल रहा है। योगी सरकार की कैबिनेट ने सिद्धपीठ परिक्षेत्र से कुछ पहले राजस्व ग्राम मिरगपुर पांजूवाला में राजस्व विभाग की कुछ भूमि को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया । प्रमुख सचिव पर्यटन विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि गांव मिरगपुर पांजूवाला में खाता संख्या 000189 के गाटा संख्या 78/6 के रकबा 0,215 में से 0154 हेक्टेयर व खाता संख्या 0049 के गाटा संख्या 78/6 रकबा 215 हेक्टेयर कुल रकबा 0,369 हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जाएगी।
भूमि पर सजेगा बाजार, बनेंगे शौचालय ब्लाक: राज्य सरकार की ओर से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की जा रही गांव मिरगपुर पांजूवाला की इस भूमि पर श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी। कार्यकारी संस्था उत्तर प्रदेश जल निगम के असिस्टेंट इंजीनियर सुकांत दुबे ने बताया कि यहां दो टायलेट ब्लाक का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें लगभग 15 टायलेट बनेंगे। इसके अलावा आठ दुकानों का निर्माण भी कराया जाएगा। जिससे यहां आने वाले लोगों को उनकी जरूरत की चीज खरीदने में आसानी हो। उन्होंने बताया कि इसके अलावा दीवारों पर कलाकृतियां के अलावा माता शाकंभरी के बारे में पुराणों में वर्णित विभिन्न दृष्टांत भी उकेरे जाएंगे। इस परिक्षेत्र में डिजाइनिंग भी कराई जाएगी।