मथुरा 05 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मथुरा में रूस से आए कपल ने ऐसा कारनामा किया, जिस पर कोर्ट ने आदेश सुनाया है. कपल ने यहां अवैध तरीके से एक इमारत बनवाई. फिर उसके कमरे किराए पर देकर और बेचकर करोड़ों रुपये कमाए. पिछले साल दंपति की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया गया था. कपल ने फिर कोर्ट में याचिका लगाई. कोर्ट ने कहा- इमारत को कुर्क किए जाने का आदेश बिल्कुल सही है. इसे कुर्क किया जाए.
वृंदावन के रमनेरती इलाके में एक सात मंजिला भवन बना हुआ है। बताया जा रहा है कि इसका मालिक एक रशियन कपल है। नतालिया क्रिवोनोसोवा और उनके पति यारोस्लाव रोमानोव रूसी नागरिक हैं। यह कपल टूरिस्ट वीजा पर वृंदावन आया था। यहां आने के बाद धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो गए और एक ट्रस्ट का गठन किया। आरोप है कि इस दंपती ने अवैध तरीके से पैसों का लेन देन करके यह सात मंजिला इमारत बनवाई है।
इस भवन को किराये पर दिया जा रहा था और बेचा भी जा रहा था। पिछले साल स्थानीय लोगों ने शिकायत की तो डीएम ने इस इमारत को कुर्क करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ रूसी दंपती कोर्ट चला गया। अब कोर्ट ने भी डीएम के आदेश को बरकरार रखा है। 1412.72 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इस संपत्ति की अनुमानित कीमत 29.22 करोड़ रुपये है। कहा जा रहा है कि रूसी दंपति अवैध तरीके से रियल एस्टेट धंधे में शामिल हैं।
बता दें कि दो साल पहले 2022 में पुलिस ने वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी वृंदावन में रहे रहे रूसी दंपति को अरेस्ट किया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने अवैध तरीके से बनी बिल्डिंग को सीज कर दिया था। स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) ने पति-पत्नी को नियमानुसार देश छोड़ने का नोटिस भी जारी किया था। करीब एक साल तक बिना वैधानिक वीजा के रह रहे दंपती के खिलाफ 2020 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बावजूद न तो वैधानिक दस्तावेज उपलब्ध कराए गए और ना ही दंपती रूस वापस लौटे।
रमनेरती इलाके में मौजूद यह इमारत रशियन बिल्डिंग के नाम से जानी जाती है। जब दो साल पहले पुलिस यहां बिल्डिंग सीज करने पहुंची थी, तब इमारत में रहने वाले लोगों ने विरोध जताया था। इनका कहना था कि उन्होंने कई वर्ष पहले वृंदावन में भक्ति करने के उद्देश्य से लाखों रुपये देकर बिल्डिंग में फ्लैट खरीदा था, जिसकी रजिस्ट्री भी उनके पास है।