लखनऊ 12 फरवरी। संपत्ति की सुरक्षा के लिए रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए स्टाम्प शुल्क बेहद कम रखा जाएगा। एक वर्ष से ज्यादा के रेंट एग्रीमेंट पर न्यूनतम स्टाम्प शुल्क 500 रुपये से अधिकतम 20 हजार रुपये तक होगा। इसी के साथ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में लिखी शर्तें ही कानूनी रूप से मान्य होंगी, जिन पर कोर्ट में दावा किया जा सकेगा। इससे जुड़ा प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
एक साल के रेंट एग्रीमेंट के लिए 500 रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक का स्टांप शुल्क लगेगा. इससे लोगों को आसानी होगी और संपत्ति से जुड़े विवाद में भी कमी आएगी. स्टांप और रजिस्ट्रेशन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री होने से मकान मालिक और किरायेदार दोनों के बीच होने वाले झगड़े कम होंगे. साथ ही, जो संपत्ति किराये पर दी गई है, वह भी सुरक्षित रहेगी. मौजूदा समय में किराया और कितने समय के लिए दिया गया है, इसके हिसाब से स्टांप शुल्क लगता है.
अगर किरायेनामे को रजिस्टर करा लिया जाता है तो इससे दोनों पक्षों के हित सुरक्षित रहेंगे. रजिस्ट्री के बाद एग्रीमेंट में लिखी शर्तों के हिसाब से कानूनी मान्यता होगी. इसका मतलब यह हुआ कि यदि कोई विवाद होता है तो जो शर्तें एग्रीमेंट में लिखी हैं, उन्हीं के हिसाब से फैसला होगा. अभी ज्यादातर लोग रेंट एग्रीमेंट नहीं कराते, क्योंकि रजिस्ट्री कराने में स्टांप शुल्क यानी खर्चा बहुत ज्यादा होता है. लोग आमतौर पर 100 रुपये के स्टांप पेपर पर ही करार करते हैं, जिसका कोई कानूनी मतलब नहीं होता.
कैबिनेट की मंजूरी के बाद रेंट एग्रीमेंट नियम
एक साल तक के एग्रीमेंट पर किराये का 2 फीसदी स्टाम्प शुल्क
दो लाख रुपये तक के किराये पर केवल 500 रुपये स्टाम्प शुल्क
पांच लाख रुपये तक के किराये पर महज 5000 रुपये स्टाम्प शुल्क
एक करोड़ या इससे ज्यादा के किराये पर केवल 20000 रुपये स्टाम्प शुल्क
एक करोड़ तक की प्रॉपर्टी पर महिलाओं को मिलेगी स्टाम्प छूट
संपत्ति में महिलाओं का अधिकार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। एक करोड़ रुपये तक की प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री महिला के नाम करने पर एक फीसदी स्टाम्प छूट मिलेगी। यह सीमा अभी 10 लाख रुपये तक की प्रॉपर्टी पर है। जल्द इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
अधिकतम 10 हजार रुपये की छूट
वर्तमान प्रस्ताव के तहत कोई संपत्ति यदि एक करोड़ रुपये की है तो महिला के नाम रजिस्ट्री कराने पर 90 लाख पर 7 फीसदी फीसदी स्टाम्प शुल्क व 10 लाख पर 6 फीसदी स्टाम्प शुल्क का प्रावधान है। यानी अधिकतम 10 हजार रुपये की छूट मिलती है।
स्टाम्प शुल्क 7 फीसदी के स्थान पर 6 फीसदी लगेगा
कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद एक करोड़ की संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर स्टाम्प शुल्क 7 फीसदी के स्थान पर 6 फीसदी लगेगा। इस तरह अधिकतम एक लाख रुपये का फायदा होगा। पिछले बजट में केंद्र सरकार ने महिला कल्याण को लेकर लिए गए फैसलों पर खर्च होने वाले बजट का प्रावधान किया था।
86000 लोगों ने ही अपने रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री कराई
पिछले एक साल का आंकड़ा बताता है कि केवल 86000 लोगों ने ही अपने रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री कराई है, जबकि लाखों लोग हर साल अपने घर और संपत्ति किराये पर देते हैं. इसका मतलब है कि ज्यादातर लोग बिना किसी कानूनी सुरक्षा के ही किराये पर घर ले रहे हैं या दे रहे हैं. नए नियम के हिसाब से रेंट एग्रीमेंट बनाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा. इस पोर्टल पर तय फॉर्मेट होगा. आप उस फॉर्म को डाउनलोड करके प्रिंट कर सकते हैं या अपने कंप्यूटर में सेव कर सकते हैं. संबंधितत फॉर्म पर स्टांप चिपकाकर उसे कानूनी मान्यता मिल जाएगी. इसके बाद वो एग्रीमेंट कानूनी तौर पर सही माना जाएगा. उसके बाद मकान मालिक और किरायेदार दोनों ही उस एग्रीमेंट में लिखी बातों के हिसाब से अपने दावे पेश कर सकते हैं.