प्रयागराज 18 मार्च। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 जून को रिटायर हुए आरपीएफ जवानों को एक जुलाई को एक वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का हकदार माना है. कोर्ट ने विभिन्न वर्षों में रिटायर 12 ऐसे लोगों को वार्षिक वेतन वृद्धि देकर एक मई 2023 से बकाया का भुगतान तीन माह के भीतर करने और इंक्रीमेंट जोड़कर पेंशन को पुनरीक्षित कर पेंशन का भुगतान करने के निर्देश रेलवे बोर्ड को दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि आदेश प्राप्ति की तिथि से तीन माह की अवधि शुरू होगी.
कोर्ट ने महानिदेशक रेलवे बोर्ड मनोज यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में विधिक सलाह से ही हलफनामा दाखिल करें. अपनी मर्जी से कोई भी हलफनामा दाखिल न करें. कोर्ट ने उनकी ओर से दाखिल हलफनामे के दो पैराग्राफ को अवमाननाकारी माना.
लेकिन, कोई कार्रवाई करने के बजाय चेतावनी देकर छोड़ दिया. साथ ही रेलवे पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. साथ ही कहा कि याचियों को हर्जाने का भुगतान किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने आरके प्रसाद व 11 अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.
याचिका पर अधिवक्ता रमेश चंद्र तिवारी ने बहस की. कोर्ट ने आदेश की प्रति सचिव रेलवे मंत्रालय, महानिदेशक आरपीएफ रेलवे बोर्ड, महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर, प्रमुख वित्त सलाहकार/मुख्य लेखा अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को अनुपालन के लिए भेजने का निर्देश दिया है.
याचियों के अधिवक्ता रमेश चंद्र तिवारी का कहना था कि याची विभिन्न वर्षों में 30 जून को सेवानिवृत्त हुए हैं. नियमानुसार उन्हें एक जुलाई को एक वार्षिक वेतन वृद्धि दी जानी चाहिए थी लेकिन, विभाग ने ऐसा नहीं किया, इस पर याचिका की गई.
हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का परिशीलन करते हुए कहा कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को एक जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का हक है. ऐसे में याची नोशनल इंक्रीमेंट पाने के हकदार हैं.