कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद एवं सांसद और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा इतने मजबूत परिवार से संबंध होने के चलते किसी परिचय के मोहताज तो नहीं है लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि वो किसी के लिए कुछ भी कहते रहे और वो भी उस परिस्थिति में जब उनके बारे में समाचार पत्रों में भी अनेक खबरें पढ़ने को मिलती रहती है। बीते दिनों उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा ने अपने एक इंटरव्यू में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अवसरवादी तथा कांग्रेस के दिग्गज नेता और केंद्र प्रदेश सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान में अपनी टिप्पणियों के बारे में चर्चित रहने वाले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को अनुभवहीन एवं अपने राजनीतिक जीवन में अलग पहचान रखने वाले मणिशंकर अययर को बड़बोला बताते हुए साथ में यह टिप्पणी भी की कि सैम पित्रोदा को सेवानिवृत रहना चाहिए।
अपने देश में हर किसी को बोलने और अपनी बात कहने का अधिकार है। ऐसे में देश में सबसे बड़े राजनीतिक परिवारों में से एक कांग्रेस के नेताओं का वृहदहस्त प्राप्त रॉबर्ट वाड्रा इस दृष्टि से अपने आप में बहुत कुछ हैं लेकिन अभी जिन नेताओं के बारे में उन्होंने टिप्पणी की उनके मुकाबले जनता की निगाह में उनका राजनीतिक वजूद इन नेताओं के समक्ष कहीं भी नजर नहीं आता है। कुछ जागरूक मतदाताओं की इस बात से मैं भी पूरी तौर पर सहमत हूं। जहां तक रॉबर्ट वाड्रा साहब आपको राजनीति में आने के लिए कहने और चुनाव लड़ने की बात है वहां तक तो यही कहा जा सकता है कि वर्तमान समय में अभी कुछ कांग्रेसियों द्वारा ही आपसे यह आग्रह किया जा सकता है। लोग तो शायद नहीं चाहेंगे। मैं आपको सुझाव देने का इच्छुक तो नहीं हूं और ना मेरी कुछ हैसियत है लेकिन यह जरूर कह सकता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा और सक्रियता से राहुल गांधी सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने जो कांग्रेसियों को एकजूट करने की कोशिश की है आप अपने ऐसे बयानों से कांग्रेस को कमजोर और विपक्षी गठबंधन को बिखराव की ओर ना ले जाएं तो अच्छा है। क्योंकि जो बात आपने अपने इंटरव्यू में कहीं वो आप पर भी पूरी तौर पर खरी उतर सकती है अगर कोई खोज खबर लेगा तो।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
रॉबर्ट वाड्रा जी राहुल गांधी के प्रयासों से मजबूत हो रही कांग्रेस को कमजोर मत करिए
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