गाजियाबाद 15 मार्च। तीन यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रह चुके सेवानिवृत्त प्रोफेसर डा. कृष्ण शेखर राणा को पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर प्रोटोकाल लेने और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित ने खुद को भारत में ओमान का हाई कमिश्नर बताकर पुलिस से सरकारी सुविधाएं मांगी थीं। इससे पहले वह 12 दिसंबर को फरीदाबाद और नौ मार्च को मथुरा में भी इसी तरह सरकारी सुविधा ले चुके हैं। पुलिस ने उनके पास से लाल बत्ती लगी मर्सिडीज कार बरामद की है, जिस पर विदेशी डिप्लोमेट वाली नंबर प्लेट लगी है। आरोपित के फरार पीए की तलाश की जा रही है।
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल के मुताबिक कृष्ण शेखर राणा आगरा कालेज में 1982 से 2015 तक जंतू विभाग विभाग में कार्यरत रहे । उनका आगरा में कृष्णा कालेज आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के नाम से कालेज और राजस्थान में एक रिसोर्ट है। सेवानिवृत्त होने के बाद 2015 से 2018 तक वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में सलाहकार भी रहे। पुलिस को जांच में पता चला है कि प्रो. राणा 2018 से 2020 तक नैनीताल स्थित कुमाऊं यूनिवर्सिटी, 2021-22 में मेवाड़ यूनिवर्सिटी और सबसे आखिर में जयपुर स्थित यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी में 2022-24 तक वाइस चांसलर रहे हैं। बीते साल अगस्त में उन्हें गैर सरकारी संगठन इंडिया जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) ट्रेड काउंसलिंग में ट्रेड कमिश्नर बनाया। इसका मुख्यालय खाड़ी देश ओमान में है। संगठन द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। इसके बाद से वह खुद को भारत में ओमान का हाई कमिश्नर बताकर पुलिस ने प्रोटोकाल मांगने लगे।
इसी कड़ी में 11 मार्च को बेटी के यहां जाने के लिए उन्होंने गाजियाबाद पुलिस और प्रशासन को मेल कर प्रोटोकाल मांगा, जिसकी मेल उनके पीए ने की थी। पुलिस ने शक होने पर ओमान के दूतावास से संपर्क किया तो पता चला कि भारत में ओमान का इस नाम का कोई व्यक्ति किसी पद पर नहीं हैं। इधर, राणा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इंडिया जीसीसी उन्हें हाई कमिश्नर बनाया है। उन्हें नहीं पता कि यह गलत है या सही है। उन्हें कहीं रोका भी नहीं गया।
पुलिस को इसलिए हुआ शक पुलिस के मुताबिक राणा मर्सिडीज पर 88 सीडी 01 नंबर प्लेट लगाई थी। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर हमारे देश में राजदूतों के वाहनों पर लगने वाली सीरीज के पहले दो अंक देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि इसमें 88 नंबर ओमान का न होकर लीबिया का है। लीबिया का भारत में दूतावास ही नहीं है।
प्रोफाइल में बताया है पांच विश्वविद्यालय का वीसी : पुलिस का दावा है कि आरोपित तीन विवि में वाइस चांसलर रहा है। जबकि आरोपित के जयपुर स्थित यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी में वीसी बनने पर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर बिहार के नालंदा की स्टेट यूनिवर्सिटी और आरा की केवीएस यूनिवर्सिटी में भी वाइस चांसलर रहने का जिक्र है। इसके अलावा आगरा के डा बीआर अंबेडकर विवि में कई अकादमिक पदों पर रहने की जानकारी दी गई है। डीसीपी निमिष पाटिल ने बताया कि कुमाऊं यूनिवर्सिटी और जयपुर की यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलाजी ने राणा के वीसी पद पर रहने की पुष्टि की है, जबकि अल्मोड़ा रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी और मेवाड़ यूनिवर्सिटी से जवाब आना बाकी है। नालंदा स्टेट यूनिवर्सिटी पटना और आरा की केवीएस यूनिवर्सिटी से भी इस संबंध में जानकारी मांगी जाएगी।