Date: 21/11/2024, Time:

सड़क दुर्घटनाओं व मरने तथा घायलों की संख्या में कमी, हेलमेट पर जीएसटी हो समाप्त

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हमारी सरकार हर हाल में सड़क दुर्घटनाएं रोकने और इनमें मरने और घायल होने वालों की संख्या में कमी लाने के प्रयास कर रही है। उसके बावजूद शायद कोई दिन जैसा जाता हो जब सड़क दुर्घटना में मरने या घायल होने वालों की खबर ना मिलती हो। बताते हैं कि अगले दस वर्षों में भारत दुनिया के शीर्ष ऑटो बाजार बन जाएगा। जब अब यह स्थिति है तो तब क्या होगी। यह सोचकर ही कंपकंपनी सी चढ़ती है। यह किसी से छिपा नहीं है कि आधी से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था और सरकार की कोशिशों के बावजूद टूटी सड़कों और उनमंे गडढे इन सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं तो कुछ प्रतिशत दुर्घटनाएं जो पुलिस प्रशासन द्वारा मार्ग अवरूद्ध किए जाते हैं और बिना नागरिकों से चर्चा कर जो लंबी दूरी तक आने जाने की व्यवस्था बंद की जाती है तो इसके कारण जो गलत दिशा से वाहन चालक आते हैं वो भी सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है।
फिलहाल जिसे देखों वो ही दुर्घटना रोकने के लिए हेलमेट पहनने की प्रेरणा देता नजर आता है अब इससे पहनने से कितने लोग बचते हैं यह तो विचार का मामला है लेकिन एक तो कुछ कंपनियों द्वारा घटिया स्तर के हेलमेट बनाने की चर्चा चलती है और कहा जाता है कि नकली हेलमेट भी बाजार में आ चुके है। अगर वह भी पहनकर निकला जाए तो दुर्घटना रूकने वाली नहीं है। सवाल उठता है कि बड़ी कंपनियों के हेलमेट की महंगी दर उस पर जीएसटी लगाने से वह इतना महंगा हो जाता है कि आम आदमी हेलमेट खरीदना हीं नहीं चाहता । वो सड़क के किनारे बिकने वाले घटिया हेलमेट खरीदकर चालान आदि से बचने के लिए प्रयासरत रहता है।
मेरा मानना है कि अगर सरकार को लगता है कि हेलमेट पहनना जरूरी है तो सड़क परिवहन मंत्रालय और अन्य अधिकारियों को चाहिए कि वो हेलमेट कंपनियों से बातकर इन पर लिया जाता वाला मुनाफा कुछ कम कराए और इस पर लगने वाली जीएसटी समाप्त की जाए। क्योंकि अगर सड़क दुर्घटनाएं हेलमेट लगाने से कम होती है तो घायलों और मरने वालों पर जो पैसा सरकार का खर्च होता है वो बचेगा । इसलिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को सड़क परिवहन मंत्री को यह निर्देश देना चाहिए कि सड़कों में सुधार युद्धस्तर पर कराएं और वित्तमंत्री से कहा जाए कि वो हेलमेट पर जीएसटी समाप्त करे।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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