सिरसा 30 जनवरी। राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा के साढ़े 7 साल बाद सिरसा स्थित हेडक्वार्टर आने की बड़ी वजह सामने आई है। डेरे के टॉप सोर्सेज के मुताबिक राम रहीम डेरे की गद्दी को लेकर चल रहे विवाद के निपटारे के लिए यहां पहुंचा है। यह विवाद पहले राम रहीम के परिवार और मुख्य शिष्या हनीप्रीत के बीच चल रहा था। जिसके बाद परिवार विदेश चला गया। अब हनीप्रीत और डेरा मैनेजमेंट कमेटी के बीच विवाद चल रहा था।
सूत्रों के मुताबिक विवाद को खत्म करने के लिए राम रहीम अपनी मुख्य शिष्या और मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को डेरे की पावर दे सकता है। इसके लिए डेरे के मैनेजमेंट से लेकर फाइनेंस वगैरह तक की पावर ऑफ अटॉर्नी हनीप्रीत को दी जा सकता है। हालांकि डेरा मैनेजमेंट फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।
राम रहीम की वापसी और हनीप्रीत को डेरे की कमान सौंपने की संभावना ने कई सवाल खड़े किए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि हनीप्रीत को इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है? इसके पीछे क्या कारण हैं? डेरे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डेरे के रोजमर्रा के कामकाज में तेजी से फैसले लेने में दिक्कत आ रही है। राम रहीम जेल में हैं, इसलिए हर छोटे-बड़े फैसले के लिए उन्हें परोल पर आना पड़ता है या डेरा कमेटी को जेल में उनसे मिलना पड़ता है। यह प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल है। हनीप्रीत राम रहीम की सबसे करीबी और विश्वासपात्र हैं। इसलिए, यह माना जा रहा है कि डेरे के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
हनीप्रीत को डेरे की गद्दी का मुख्य दावेदार इसलिए माना जा रहा है कि क्योंकि राम रहीम ने उसे अपना मुख्य शिष्य घोषित कर दिया था। फरवरी 2022 में जब राम रहीम पहली बार परोल पर आया था, तो उसे अपने आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र से अपने पिता और परिवार का नाम हटवा दिया था। उसने अपने गुरु सतनाम सिंह का नाम दर्ज करवाया और खुद को उनका मुख्य शिष्य बताया। परिवार पहचान पत्र में उन्होंने अपनी पत्नी और मां का नाम न लिखवाकर सिर्फ हनीप्रीत का नाम मुख्य शिष्य के रूप में दर्ज करवाया था।
वहीं डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से मिलने के लिए भक्तों का इंतज़ार जारी है। दूसरे दिन भी डेरे के दरवाज़े बंद रहे। सिरसा स्थित डेरा के आसपास सुरक्षा कड़ी है। पुलिस ने कई जगह नाके लगाए हैं। डेरा के गेट के पास फोटो और वीडियो बनाने पर भी रोक है। डेरा के चारों ओर आठ से दस मुख्य नाके हैं। हर नाके पर 15 से 20 पुलिसकर्मी तैनात हैं। डेरा प्रमुख के घर जाने वाले रास्ते पर नेजिया चेकपॉइंट पर लगभग 40 पुलिसवाले हैं। एक और चेकपॉइंट डेरा के सेवादार संभाल रहे हैं। आवाजाही पर सख्त नियंत्रण है। टोकन सिस्टम से सिर्फ़ चुनिंदा लोगों को ही अंदर जाने दिया जा रहा है।