मेरठ 22 फरवरी (प्र)। अप्सरा सिनेमा की आसपास की बिल्डिंग तोड़कर मानचित्र पास की आड़ में बनाये गये अवैध काम्पलैक्स के कारण घंटाघर के निकट स्थित बड़े डाकखाने की कमजोर हुई दीवार और फिर उसे तोड़ने के शुरू हुए प्रयासों पर अब सवाल उठने लगे है। क्योंकि राज्यसभा सदस्य भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी इस बारे में सर्तकता बरत रहे है इसी क्रम में गत दिवस उनके द्वारा अपने सहयोगियों के साथ डाक विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बड़े डाकखाने का किया गया निरीक्षण और स्पष्ट कहा गया कि जानबूझकर तोड़ा गया सिटी पोस्ट ऑफिस भ्रष्टाचारियों पर होगी कार्रवाई। जिससे वाजपेयी जी की सर्तकता और नागरिकों की हो रही परेशानियों को ध्यान में रखकर जो इस मामले में जनहित में भागदौड़ की जा रही है उसे देखकर लगता है कि आसानी से अब पुराना डाकखाना तोड़कर बिल्डर को बचाते हुए सरकारी पैसे से उसे बनवाने का काम कराने के लिए सक्रिय लोगों की मंशा सफल नहीं हो पाएगी। क्योंकि सभी जानते है कि वाजपेयी जी जुझारू और जनसमस्याओं के समाधान के लिए अड़ने वाले मुखर नेता है। यह भी चर्चा सामने आ रही है कि जिस अवैध बिल्डिंग के कारण दीवार में दरार आई और नींवों में पानी भरा उसकी जांच भी वाजपेयी जी मेडा नगर निगम के अधिकारियों से जिलाधिकारी की मौजूदगी में करा सकते है।
किये गये निरीक्षण से संबंध खबर के अनुसार लगभग दो साल से बंद पड़े शहर घंटाघर स्थित प्रधान डाकघर का शुक्रवार को राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सिटी पोस्ट आफिस के पिछले हिस्से को जानबूझकर तोड़ा गया है। डाकघर भवन इतना भी क्षतिग्रस्त नहीं था, जो तोड़कर दोबारा नवनिर्माण करना पड़े। इसे तोड़ने की जरूरत नहीं थी। ट्रेजरी का अगला हिस्सा ठीक कार्य करने योग्य है। पिछले हिस्से को छोड़ दें तो अगले हिस्से में डाक संबंधित सेवाएं संचालित हो सकती थीं। बाहर मुख्य द्वार की तरफ अगले हिस्से में कहीं कोई दरार नहीं है, लेकिन फिर भी इसे असुरक्षित घोषित कर तोड़ने के आदेश दिए गए। इसके पीछे किसकी मंशा थी। इन सबको देख लगता है कि यहां भ्रष्टाचार का जन्म हो रहा है। सिटी पोस्ट आफिस का पिछला हिस्सा किसके आदेश पर तोड़ा… इसकी जांच की मांग कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि डाकघर भवन की जर्जर हालत के संबंध में उनकी मुख्य अभियंता से बात हुई थी।
उनसे बातचीत में सहमति बनी थी कि इसका दोबारा से निर्माण कराने की आवश्यकता नहीं है। शहर के बीचों-बीच प्रधान डाकघर बंद होने से राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है । राज्यसभा सदस्य ने जर्जर भवन की दोबारा से स्ट्रक्चरल आडिट के बाद निर्णय की बात की मांग रखी।
2023 में किया था निरीक्षण
2023 में पोस्टमास्टर जनरल बरेली संजय सिंह व उप्र सर्किल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल बी. सेल्वा कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निरीक्षण किया। बाद में शहर डाकघर का संचालन छावनी प्रधान डाकघर के साथ संयुक्त रूप से किया जाने लगा । आइआइटी रुड़की की तकनीकी रिपोर्ट के बाद डाकघर के पुराने भवन को तोड़कर नए भवन के निर्माण पर सहमति बनी थी। पिछले साल मेरठ दौरे पर आए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डाकघर भवन निर्माण की जिम्मेदारी रेलवे विभाग को सौंपी थी, लेकिन उसके बाद डीपीआर तैयार करने में ही लगभग साल भर गुजर गया ।
जानकारी अनुसार शहर घंटाघर का निरीक्षण करने के उपरांत डा0 लक्ष्मीकांत वाजपेयी कैन्ट स्थित पुराना डाकखाना पहुंचे तथा प्रमुख अधिकारियों से इस संदर्भ में वार्ता कर उन्हें जरूरी निर्देश भी दिये।