नोएडा 23 मई। उत्तर प्रदेश के नोएडा में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रियल एस्टेट सेक्टर में एक बड़े घोटाले की जांच के तहत शुक्रवार को जबरदस्त कार्रवाई की है। ईडी की पांच सदस्यीय टीम ने नोएडा के सेक्टर-128 स्थित जेपी इंफ्राटेक के कार्यालय पर छापा मारा। यह कार्रवाई हजारों होम बायर्स को सबवेंशन स्कीम के नाम पर कथित रूप से ठगने के आरोप में की गई है। ईडी की टीम ने यह कार्रवाई लगभग 12,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में की है।
ईडी की टीम दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में स्थित जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड और उनसे जुड़ी अन्य कंपनियों जैसे गौरसंस, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियल्टी के 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है।
ईडी की टीम ने शुक्रवार को जेपी इंफ्राटेक के मुख्यालय (सेक्टर-127) पर पहुंचकर दस्तावेजों और बैंक खातों की बारीकी से जांच शुरू कर दी। अधिकारियों ने कंपनी के वित्तीय लेन-देन, सबवेंशन स्कीम के तहत हुए वादों और खरीदारों से लिए गए पैसे के उपयोग की जांच की गई। सबवेंशन स्कीम के तहत बिल्डरों ने खरीदारों से यह वादा किया था कि उन्हें बिना ईएमआई चुकाए मकान दिए जाएंगे। लेकिन प्रोजेक्ट समय से पूरे नहीं हुए और आज भी हजारों खरीदार घर मिलने की उम्मीद में भटक रहे हैं।
इस घोटाले का असर करीब 17,000 से अधिक घर खरीदारों पर पड़ा है। प्रोजेक्ट अधूरे हैं और खरीदारों का पैसा फंसा हुआ है। फिलहाल सन फार्मा से जुड़ा सुरक्षा ग्रुप जेपी के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है।
ईडी को शक है कि बड़ी मात्रा में फंड्स को डायवर्ट कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। यह कार्रवाई उन हजारों होमबायर्स के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है, जो सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं।
ईडी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी से कुल 26 बिल्डरों की जानकारी मांगी है। जिनमें 9 बिल्डर पहले से जांच के दायरे में हैं। एजेंसी इन सभी बिल्डरों के खिलाफ भी छापेमारी कर सकती है।
ईडी ने जिन परियोजनाओं की फाइलों को जब्त किया है। उनमें ऑर्चर्ड्स, कासा इसलेस, केंसिंगटोन बुलेवार्ड, केंसिंगटोन पार्क, क्रेससेंट होम्स, कोसमोस और क्लासिक जैसे बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स में रजिस्ट्री, बैंक एग्रीमेंट, को-डेवलपर्स की जानकारी और लोन संबंधी दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।