आगरा 23 अक्टूबर। जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के शास्त्रीपुरम में नकली दवा की फैक्ट्री चलाई जा रही थी। एंटीनार्कोटिक्स टीम ने फैक्टरी पर छापा मारकर इसका भंडाफोड़ किया। साथ ही इसमें शामिल दवा माफिया सहित 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। बरामद नकली दवाओं की कीमत 4.5 करोड़ रुपये बताई गई है। इसके अलावा टीम को यहां से करोड़ों रुपये की मशीन भी बरामद हुई हैं। बरामद दवाओं और मशीन आदि की कीमत आठ करोड़ तक आंकी गई है।
फैक्ट्री से अंतराज्यीय गिरोह के 10 तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। मुख्य सरगना विजय गोयल और नरेंद्र शर्मा हैं। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि फैक्ट्री में 16 मशीनें लगी थीं। सभी मशीनें हिमाचल प्रदेश के बद्दी की साईं रोड पर मां वैष्णों फार्मा के संचालक गुप्ताजी से खरीदी गईं थीं। इनकी कीमत लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए है।
इन मशीनों को हिमाचल प्रदेश से नहीं लाया जा सकता है। इसलिए यह मशीनें खुलकर पार्ट्स में लाई जाती हैं। फिर एक टेक्नीशियन इन मशीनों को असेंबल करता है। लेकिन यह मशीनें आम टेक्नीशियन असेंबल नहीं कर सकता है क्योंकि यह मशीनें सिर्फ बड़ी दवा फैक्ट्रियों में ही इस्तेमाल की जाती हैं। पुलिस मान रही है कि इन्हें असेंबल करने के लिए बड़ी दवा कंपनियों के टेक्नीशियन ही बुलाए जाते होंगे।
पूछताछ में विजय गोयल ने बताया कि इसी फर्म से रॉ मैटीरियल भी मिल जाता है। हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा दवा फैक्ट्रियां हैं। ऐसे में रॉ मैटीरियल मिलना बहुत आसान है। कई दवाओं के सीधा सॉल्ट ही मिल जाते हैं। यही फर्म मशीनरी असेंबल करने के लिए टेक्नीशियन भी बता देती है। एएनटीएफ अब हिमाचल प्रदेश के गुप्ता जी की तलाश में जाएगी।
ड्रग विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया-एक स्ट्रिप में 10 गोलियां होती हैं। फैक्ट्री से 4 हजार 610 स्ट्रिप मोंटी फेयर एफएक्स की मिली हैं। 42,210 प्रोक्सीविल, 61320 एलजोसेल, एक लाख 22 हजार 400 एल्प्रासेफ की स्ट्रिप मिली हैं।
इसके अलावा लूज माल में 499 किलो एल्प्रासेफ टैबलेट,162 किलो प्रोक्सीविल कैप्सूल, 75 किलो पाउडर एल्प्रासेफ का पाउडर,55 किलो पाउडर सिप्रो हेक्टाडिन और 17 लाख खाली कैप्सूल शैल मिले हैं। ज्यादातर दवाएं एंटी एलर्जिक, नींद की दवाएं और पेन किलर हैं। दवाएं इतनी ज्यादा थीं कि आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद की ड्रग विभाग की टीमें भी गिनती के लिए बुलाई गईं।
आगरा, सहारनपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, अजमेर सहित कई राज्यों में दवाओं की सप्लाई की जाती थी। सिंडिकेट की जांच के लिए टीमें बनाई गई हैं। आगरा में किन दवाओं की कहां सप्लाई हुई, कहां माल जाता है की जांच भी की जाएगी।