asd पार्षद से मुख्यमंत्री तक की दौड़ रेखा गुप्ता ने सीएम दिल्ली का ताज पहना, विकास कार्यों को गति और जनसमस्याओं का समाधान करने में रहेंगी सफल

पार्षद से मुख्यमंत्री तक की दौड़ रेखा गुप्ता ने सीएम दिल्ली का ताज पहना, विकास कार्यों को गति और जनसमस्याओं का समाधान करने में रहेंगी सफल

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एनसीआर के क्षेत्र हरियाणा के जींद में 19 जुलाई 1974 को पैदा हुई तथा यूपी के मेरठ की चौधरी चरण सिंह विवि से ग्रेजुएट रेखा गुप्ता ने आज दिन में 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी कैबिनेट के सदस्यों अनेक प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों सहित लगभग 30 हजार लोगों की उपस्थिति में रामलीला मैदान में दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले भाजपा की सुषमा स्वराज, कांग्रेस की शीला दीक्षित और आप की अतिशी महिला मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की कमान संभाल चुकी है। इसके साथ ही वह दिल्ली की नौंवी मुख्यमंत्री बन गई हैं। बताते चलें कि एसबीआई में बतौर मैनेजर पिता के यहां जन्मीं रेखा गुप्ता 1996 में दिल्ली विवि की छात्रसंघ अध्यक्ष 2002 में प्रदेश महामंत्री भाजयुमो, 2006 में राष्ट्रीय सचिव भाजयुमो और 2007 में दिल्ली भाजपा मोर्चा, महामंत्री, 2010 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य चुनी गई, 2021 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा प्रभारी उप्र भाजपा महिला मोर्चा और 2022 में शालीमार बाग से पार्षद चुनी गई। वर्तमान में उपाध्यक्ष भाजपा महिला भी है। पार्षद से राजनीति शुरू कर मुख्यमंत्री तक पहुंची रेखा गुप्ता का राजतिलक कर आज भाजपा ने उन्हें दिल्ली की कमान सौंप दी। अभी तक जितना देखा है यहां जितनी महिला सीएम रहीं सब सफल रहीं। इसलिवए यह उम्मीद की जा सकती है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा खबरों के अनुसार आरएसएस का सुझाव मानकर उन्हें दिल्ली का सीएम बनाने पर जो सहमति दी वो दिल्ली की जनता के लिए अच्छी ही साबित होगी। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा और विजेंद्र गुप्ता ने विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता का नाम प्रस्तावित किया जिसे सतीश उपाध्याय और आशीष सूद ने उसका समर्थन किया। मेरा मानना है कि निर्वाचन की घोषणा के बाद चले लंबे संघर्ष के बाद दिल्ली की भाग्य रेखा की जो जिम्मेदारी रेखा गुप्ता को सौंपी गई है वो वहां विकास की दिशा देगी और भाजपा ने जो जो वादे चुनाव से पूर्व मतदाताओं से किए उन्हें पूरा कर पूर्व सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी द्वारा जो सुविधाएं नागरिकों को दी जा रही थी वो दिल्ली की नई सीएम जारी रखेंगी। यह भी कह सकते हैं कि बचपन से आरएसएस में सक्रिय रही तथा संगठन में अनेक पदों पर रहकर सफलता से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के साथ ही छात्र संघ की राजनीति और महिला मोर्चा में सक्रियता के चलते जो उनके साथ सहयोगियों का जुड़ाव बना वो भी उनकी कामयाबी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। क्योंकि आरएसएस की पृष्ठभूमि होने के चलते सीएम के अन्य दावेदार और उनके समर्थक भी कोई अड़ंगेबाजी नहीं कर पाएंगे क्योंकि चुनावी राजनीति में सबकी नैया पार लगाने में सक्षम आम आदमी को अपने संबोधन और बातों से सम्मोहित करने में सक्षम देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का वृहद हस्त भी उन्हें प्राप्त है। और क्योंकि चुनाव से पूर्व प्रचार के दौरान पीएम ने कहा था कि मैं खुद भी दिल्ली को समय दूंगा यह सब बिंदु इस बात की ओर इशारा करते हैं कि नई सीएम को सफलता से काम करने में किसी अड़ंगेबाजी का सामना नहीं करना पड़ेगा। और वो अगर सबकुछ सही रहा तो अगले पांच साल तक दिल्ली की कमान संभाले रख अपनी अलग पहचान भाजपा की सफल महिला नेता के रूप में बनाने में कामयाब होंगी।
लगभग 50 वर्षीय रेखा गुप्ता को दिल्ली की नई सीएम के रूप में जो मौका मिला है उससे यह कह सकते हैं कि भाजपा ने मातृशक्ति और दुनिया की आधी आबादी को पार्टी में महत्व देने और उन्हें आगे लाने का अहसास भी कराया है। कुल मिलाकर भविष्य में राजनीति क्या मोड़ लेगी यह तो समय ही बताएगा मगर अब तक जो सक्रियता दिखाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कंधे से कंधा मिलाकर काम करने में सफल रही पहली बार विधायक और फिर सीएम बनने का अहसास उन्हें और भी मजबूती से काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। तथा शपथ समारोह में जो 30 हजार लोगों की भीड़ और भाजपा के नेताओं की उपस्थिति रही। वो भी उत्साह बढ़ाने में भूमिका निभाएगी। दक्षिणी नगर निगम की रेखा गुप्ता मेयर रह चुकी हैं तो उन्हें दिल्ली वासियों की समस्याओं के बारे में ज्ञान भरपूर होगा। अभी तक ज्यादा मौकों पर दिल्ली और केंद्र में अलग अलग पार्टियों की सरकार होती रही है। कुछ अधिकार केंद्र के पास रहे कुछ दिल्ली के इसलिए भी यहां का मुख्यमंत्री खुलकर काम नहीं कर पाता था लेकिन अब केंद्र की सरकार भी उनके साथ खड़ी है इसलिए पुलिस और अन्य विभाग व उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी उनके कार्यों में ज्यादा हस्तक्षेप शायद नहीं करेंगे। फिलहाल तो उन्हें बधाई और भाजपा को धन्यवाद ही दिया जा सकता है कि उन्होंने मातृशक्ति को देश की राजधानी दिल्ली की कमान संभाने का मौका दिया।
दूसरी तरफ महिलाओं के साथ साथ देशभर के वैश्य समाज और उनके संगठनों के उन नेताओं में भी खुशी का अहसास नजर आ रहा है जो राजनीति में वैश्य समाज की भागीदारी पर जोर देता रहा है। इसलिए राजनीति को प्रभावित करने में सक्षम वैश्य समाज के नेता भी रेखा गुप्ता के सीएम बनने से खुश हैं। और व्यापारी वर्ग भी उनसे बड़ी उम्मीद है क्येांकि भले ही वह दिल्ली की सीएम हो लेकिन केंद्र सरकार को अपने सुझावो से प्रभावित करने में कामयाब होगी। यह विश्वास के साथ कहा जा सकता है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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