गोरखपुर 01 मार्च। बस्ती में एक व्यापारी के बेटे के अपहरण मामले में नामजद फरार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अमरमणि की संपत्तियों को कुर्क कराने में हीलाहवाली कर रही स्थानीय पुलिस को दरकिनार करते हुए न्यायालय ने अब प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को कार्रवाई के लिए कहा है। केस की अगली सुनवाई के लिए 20 मार्च को होगी।
न्यायाधीश ने कहा कि अमरमणि दुर्दान्त अपराधी है। 20 से अधिक मुकदमे उसके विरुद्ध विभिन्न थानों में दर्ज हैं। हो सकता है कि स्थानीय पुलिस उसके प्रभाव में हो। गुरुवार को कोतवाली पुलिस के समय मांगने पर अदालत ने कोतवाली पुलिस की विफलता को गंभीरता से लिया है।
अब सीधे प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को कुर्की का दायित्व सौंपा गया है। कोतवाली पुलिस लगातारा कहती रही है कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में पुलिस अधीक्षक बस्ती गोपाल कृष्ण चौधरी ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ व पुलिस अधीक्षक महराजगंज को पत्र लिखा था। एसपी ने कुर्की के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त करने, रिसीवर तय करने व स्थानीय पुलिस बल उपलब्ध कराने को कहा था। परंतु जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हुआ।
30 जनवरी को अदालत ने अमरमणि की संपूर्ण भारत में स्थित सम्पत्तियों का पता लगाने के लिए कोतवाली पुलिस को निर्देश दिया था। अनुपालन न होने पर कार्यवाही की चेतावनी भी दी थी। नौ फरवरी को कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट प्रस्तुत कर और समय देने का अनुरोध किया।
रिपोर्ट में बताया गया कि एसपी ने संबंधित अधिकारियों से पत्राचार कर सम्पत्तियों को ढूंढने का आग्रह किया है। जो संपत्ति ज्ञात है उसको कुर्क करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्राचार किया है, जिसकी प्रतिलिपि पुलिस रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत की गई थी।
अदालत ने रिपोर्ट का अवलोकन करने के उपरान्त कुर्की की कार्यवाही अमल में लाने के लिये 29 फरवरी तक का समय दिया था। गुरुवार को न्यायालय में फिर वही बात दोहराई गई। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जो संपत्ति पता की गई उसमें नौतनवा जिला महराजगंज में एक मकान है। कोई चल संपत्ति नहीं है।
उप निबंधक लखनऊ द्वितीय की रिपोर्ट दिनांक 11 दिसम्बर 20 23 के अनुसार विक्रांत खंड गोमतीनगर लखनऊ में प्लाट संख्या ए 3/297 जो 450 वर्गमीटर का है। वह अमरमणि के नाम से है, जिसकी अनुमानित कीमत एक करोड़ 18 लाख 80 हजार रुपये है। उसकी भी कुर्की नहीं हो पाई।