Date: 05/02/2025, Time:

पुजारी और ग्रन्थियों को दिल्ली में मिलेगी 18 हजार सैलरी, जो भाजपा सरकारों को करना चाहिए वो अरविन्द केजरीवाल कर रहे है

0

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इन शब्दों के साथ भाजपा वालों इसे रोकने की कोशिश मत करना बहुत पाप लगेगा। पुजारी गृन्थी सम्मान योजना की घोषणा की जा रही है। उनके द्वारा देश की राजधानी दिल्ली के कनॉट पैलेस स्थित हनुमान मंदिर से इस योजना के रजिस्ट्रेशन की शुरूआत की गई। जिसके तहत सभी ग्रन्थी और पुजारियों को 18 हजार रूपये हर माह वेतन दिया जाएगा। श्री केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के जीतने पर दिल्ली में मंदिरों के पुजारी और गुरूद्वारा साहिब के ग्रन्थियों को प्रतिमाह सम्मान राशि दी जाएगी। यह उनके आध्यात्मिक योगदान व हमारी सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित रखने के उक्त प्रयासों का सम्मान होगा।
इससे संबंध खबरों को पढ़कर आज नागरिकों में एक विशेष चर्चा सुनने को मिली कि जो काम भाजपा शासित प्रदेश की सरकारों को करना चाहिए था उसकी शुरूआत दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही है। बताते चले कि भगवान राम की अयोध्या में बने मंदिर के कुछ पुजारियों को शायद उक्त सुविधाऐं और वेतन देने की शुरूआत हुई है लेकिन अभी सार्वजनिक रूप से सारे प्रदेश के अन्दर शायद ऐसी कोई योजना लागू नहीं हो पाई है। जिसके तहत पंडे पुजारियों और साधु संतों की आर्थिक स्थिति जिससे उनके भजन पूजन के कार्य सुचारू रूप से चल सके अभी घोषित नहीं की गई हैं। अगर यह सही है तो लगता है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी अब समझ चुके है कि सभी के साथ साथ राजनीति में आगे बढ़ने के लिए साधु संतों का आशीर्वाद जरूरी है। मैं किसी व्यक्ति विशेष के लिए तो यह नहीं कह रहा हूं और ना ही किसी की सोच और नीति पर सवाल उठा रहा हूं। लेकिन मुझे लगता है कि ऐसी योजना अपने सब धर्म सद्भाव को मानने वाले देश में सभी के लिए लागू होनी चाहिए। हां यह जरूर देखा जाए कि कोई भी फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ या मिलने वाले वेतन को प्राप्त करने की कोशिश में सफल न हो पाए। वैसे तो यूपी में कुंभ का होने वाला आयोजन धर्म के क्षेत्र में सुप्रिम है ऐसे में किसी का भी कोई प्रयास साधु संतों और पंडे पुजारियों को भाजपा से दूर आसानी से नहीं कर पाएगा लेकिन फिर भी श्री अरविन्द केजरीवाल जो शुरूआत करने जा रहे है उसे किसी को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए और समय अनुसार मौका देखकर इस संदर्भ में ऐसा प्रयास जरूर शुरू करना चाहिए जिससे सभी धार्मिक स्थलों की देखभाल और उसमें पूजा पाठ भजन कीर्तन कराने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान आसानी से हो सके और वो भगवान के नाम का जप करने के साथ साथ आर्थिक रूप से भी खुशहाल माहौल में जीवन यापन कर सके। क्योंकि सभी धार्मिक स्थलों में इतना चढ़ावा और भक्त नहीं आते है जिससे वहां की देखभाल करने वालों के जीवन की नैया सुचारू रूप से चल सके। बाकी तो भगवान के आशीर्वाद से जीवन यापन तो सब कर ही रहे है।
(प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री व मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य)

Share.

Leave A Reply