Date: 16/10/2024, Time:

जेपी जयंती पर UP में गरमाई सियासत, अखिलेश यादव ने अपने घर से सामने किया माल्यार्पण

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लखनऊ 11 अक्टूबर। जेपीएनआईसी में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाने को लेकर सपा और यूपी सरकार आमने-सामने आ गए हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपाई जेपीएनआईसी न पहुंच पाएं इसको लेकर पुलिस प्रशासन और एलडीए ने तमाम व्यवस्थाएं कर रखी हैं. जेपीएनआईसी के गेट को बड़ी-बड़ी टिन लगाकर बंद कर दिया है. साथ ही अखिलेश यादव के घर के बाहर और सपा मुख्यालय पर बैरिकेडिंग करके भारी पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है. दोनों जगहों पर बड़ी सख्या में कार्यकर्ता जमा हैं.

सपाइयों का हंगामा गुरुवार रात से शुरू: जेपी की जयंती मनाने को लेकर सपाइयों के अड़ियल रुख को लेकर गुरुवार रात से बवाल शुरू हो गया है. अखिलेश यादव सैफई में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि मनाकर रात में सीधे जेपीएनआईसी पहुंच गए. वहां गेट को टीन शेड लगाकर बंद करने का काम चल रहा था. जहां पर टिन शेड लगाकर गेट बंद किए जाने को लेकर सपाइयों ने हंगामा किया था.

यहां पर अखिलेश ने यह भी आशंका जताई कि सरकार इसलिए प्रवेश करने से रोक रही है क्योंकि हो सकता है वह इसे बेचना चाहती हो. निर्माण की बात तो बहाना है. अखिलेश ने यह भी कहा था कि हम तो यह भी चाहते हैं कि इसके बंद रहने से तो बेहतर है कि इसे सरकार बेच ही दे, कम से कम यहां पर जयप्रकाश नारायण के बारे में लोग जान तो सकेंगे.

LDA ने कहा, अखिलेश को जेड प्लस सुरक्षा मिली है, सुरक्षा कारणों से उन्हें रोका जा रहा: वहीं, लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव ने जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर जेपीएनआईसी जाने के अखिलेश यादव के कार्यक्रम के संबंध में एक पत्र जारी किया है. इसमें लिखा है, ‘जेपीएनआईसी एक निर्माण स्थल है, जहां निर्माण सामग्री फैली हुई है और बारिश के कारण कीड़े-मकोड़ वहां होने की संभावना है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जिसके चलते सुरक्षा कारणों से उनका जेपीएनआईसी पर जाना सुरक्षित और उचित नहीं है.

अखिलेश यादव ने अपने आवास के बाहर एक गाड़ी में जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण. उनके साथ नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, राजेंद्र चौधरी सहित सपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग जयप्रकाश नारायण की जयंती हर साल मनाते हैं लेकिन, पता नहीं सरकार हमें क्यों रोक रही है. हमें उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण करने नहीं दे रहे. यह रोकने का काम नया नहीं है. भारतीय जनता पार्टी ने हर अच्छे काम का विरोध करती है. आज हम सड़क पर खड़े होकर जननायक जयप्रकाश को याद भी कर रहे हैं. यह सरकार रोकना चाहती है लेकिन हम लोगों ने सड़क पर ही माल्यार्पण कर उन्हें याद किया है.

इस पूरे मामले पर सपा ने सीएम योगी से कुछ सवाल पूछे हैं. पार्टी ने कहा, क्या अखिलेश को हाउस अरेस्ट किया जा रहा? योगी जी स्पष्ट करें. क्या लोकतंत्र के लोकनायक, आजादी की लड़ाई के महान क्रांतिकारी, समाजवादियों के प्रेरणास्रोत जेपी जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने से क्यों रोक रही है सरकार? सपा ने कहा कि बीजेपी सरकार कायस्थ बिरादरी से आने वाले बड़े नेता जयप्रकाश नारायण जी का अपमान कर रही है. जातिवादी ठाकुर योगी सरकार में क्रांतिकारियों,लोकतंत्रवादियों का अपमान होता है और स्वजातीय बलात्कारी चिन्मयानंद और सेंगर जैसों का सम्मान होता है. कोई शर्म बाकी है सरकार और सीएम में?

“सरकार क्या छिपा रही है”
साथ ही अखिलेश यादव ने कहा, यह जेपीएनआईसी, समाजवादियों का संग्रहालय है, यहां जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा है और इसके अंदर ऐसी चीजें हैं जिनसे हम समाजवाद को समझ सकते हैं. ये टिन की चादरों के पीछे लगाकर सरकार क्या छिपा रही है? क्या ऐसी संभावना है कि वो जेपीएनआईसी को बेचने की तैयारी कर रहे हैं या किसी को देना चाहते हैं?

संपूर्ण क्रांति के नायक लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर सियासत छिड़ गई है. जहां एक तरफ अखिलेश यादव आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी सरकार उनको जेपीएनआईसी में जाने से रोक रही है और केंद्र के बाहर टिन की चादरें लगाई जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ एलडीए ने बताया है कि उसने जेपीएनआईसी को सील क्यों किया है.

बताते चले कि इससे पहले पिछले साल भी सपा को जेपी जयंती पर माल्यार्पण की अनुमति नहीं मिली थी, जिसके बाद अखिलेश यादव ने दीवार से कूद कर माल्यार्पण किया था. अखिलेश यादव ने साल 2016 में मुख्यमंत्री रहते हुए जेपीएनआईसी का उद्घाटन किया था. हालांकि, साल 2017 में जब सत्ता पलटी और योगी सरकार का गठन हुआ तो इमारत का काम बंद हो गया था. इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण संग्रहालय होने के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं.

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