asd गंभीर मामलों में थानों की सीमाएं नहीं रोकेगी मदद

गंभीर मामलों में थानों की सीमाएं नहीं रोकेगी मदद

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नई दिल्ली 09 जुलाई। अपराध संहिता के नए कानून के तहत एफआईआर और अपराध की जांच के संबंध में तय की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में यह निर्देश दिए गए हैं कि पुलिस मुख्यालय कानून निर्माताओं की पीड़ित-हितैषी मंशा का विधिवत अनुपालन करते हुए इस संबंध में तंत्र और प्रोटोकॉल निर्धारित करें।

यानि किसी भी कार्रवाई का मूल उद्देश्य पीड़ितों की सहायता करना और उन्हें न्याय दिलाने में सहयोग करना होना चाहिए। एसओपी में कहा गया है कि, अधिकार क्षेत्र से बाहर वाले पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज होने पर यदि चोट, यौन उत्पीड़न या तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता वाला मामला है, तो संबंधित थाने को तुरंत कार्रवाई करनी होगी। ऐसे मामलों में मामला संबंधित क्षेत्र वाले अन्य थाने में स्थानांतरित करने का इंतजार नहीं किया जा सकता। पुलिस की जन हितैषी छवि बनाने और पीड़ित को त्वरित न्याय के मकसद से कई प्रावधान नए अपराध संहिता से जुड़े कानून में किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि नए कानून की मंशा के मुताबिक राज्य पुलिस बलों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तय करके उन्हें भेज दी गई है।

एसओपी में थानों को यह सलाह दी गई है कि तुरंत हस्तक्षेप वाले मामले में चिकित्सा उपचार और जांच आदि की सुविधा उस थाने द्वारा दी जानी चाहिए जहां सूचना दी गई है और उसका रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए। एसओपी में कहा गया है कि न्याय के हित में की गई ऐसी आवश्यक सद्भावनापूर्ण कार्रवाई धारा 175(2) बीएनएसएस के अंतर्गत है। इसके अलावा संज्ञेय अपराध के संबंध में प्रत्येक सूचना, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में मौखिक रूप से या इलेक्ट्रॉनिक संचार द्वारा दी गई हो, पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को उसका संज्ञान लेना होगा।

यदि सूचना उस महिला द्वारा दी जाती है जिसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 64, धारा 65, धारा 66, धारा 67, धारा 68, धारा 69, धारा 70, धारा 71, धारा 74, धारा 75, धारा 76, धारा 77, धारा 78, धारा 79 या धारा 124 के अंतर्गत रेप या यौन उत्पीड़न, सहित अन्य महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराध किए जाने या प्रयास किए जाने का आरोप है, तो ऐसी सूचना महिला पुलिस अधिकारी या किसी महिला अधिकारी द्वारा दर्ज की जाएगी। इस तरह के मामले में अगर पीड़िता अस्थायी या स्थायी रूप से मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम है, तो ऐसी सूचना पुलिस अधिकारी द्वारा व्यक्ति की पसंद के स्थान पर, दुभाषिये की उपस्थिति में दर्ज की जाएगी।

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