देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उनकी टीम के सदस्यों द्वारा सत्ताधारी दल के संकल्प को ध्यान में रखते हुए समाज से भ्रष्टाचार लापरवाही कामचोरी मिटाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं उसके बावजूद भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्थान केंद्रीय सतर्कता आयोग की एक रिपोर्ट में जो भ्रष्टाचार की शिकायतों के आंकड़ें सामने आए हैं उससे तो यही स्पष्ट होता है कि उच्च स्तर पर तो आम आदमी के हित में निर्णय लेने और काम करने तथा उन्हें भ्रष्टाचार मुक्त माहौल उपलब्ध कराने के प्रयास हो रहे हैं मगर अफसरशाही पर लगाम नहीं लग पा रही है। क्योंकि इससे संबंध एक खबर के अनुसार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में उसे विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुल 74,203 शिकायतें मिलीं। इसमें से 10,447 यानी करीब 14 फीसदी अकेले रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ थीं। वहीं, दिल्ली के स्थानीय निकाय इस मामले में दूसरे नंबर हैं, जिनके कर्मचारियों के खिलाफ 7,665 शिकायतें मिलीं।
रेलवे कर्मियों के खिलाफ मिली शिकायतों में से 9,881 का निपटारा कर दिया गया, 566 लंबित हैं। दिल्ली के स्थानीय निकायों, जिनमें दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विभाग निगम, दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद शामिल हैं, के खिलाफ मिली शिकायतों में से 7,278 का निपटारा कर दिया गया और 387 लंबित हैं।
किसके खिलाफ कितनी शिकायतें
4,476 शिकायतें आवासीय एवं शहरी मामले, 4,420 कोयला मंत्रालय, 3,217 श्रम मंत्रालय, 2,749 पेट्रोलियम मंत्रालय और 2,309 शिकायतें गृह मंत्रालय कर्मियों के खिलाफ दर्ज की गईं हैं।
7,830 शिकायतों का नहीं हुआ निपटारा
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में मिली भ्रष्टाचार की कुल 74,203 शिकायतों में से 66,373 का निपटारा हो गया है और 7,830 लंबित हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के खिलाफ 7,004 शिकायतें मिलीं जिनमें 6,667 का निस्तारण कर दिया गया। दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 6,638 शिकायतों में से 6,246 का निपटारा हो गया। दिल्ली के पुलिस कर्मियों के खिलाफ 5,313 शिकायतों में से 3,325 का निस्तारण कर दिया गया। यह तो नहीं कहा जा सकता कि हर जगह इसी प्रकार भ्रष्टाचार का बोलबाला होगा लेकिन आंकड़ों के अनुसार सीवीसी के हवाले से खबर छपी है तो कुछ ना कुछ सही भी जरूर होगा। पीएम साहब आम आदमी के बस का भ्रष्टाचार को रोकना संभव नहीं है। इसलिए पीएम साहब! मेरा मानना है कि इन भ्रष्टाचार फैलाने वालों को तो घर ही बैठाना होगा, यह बाज आने वाले नहीं है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
पीएम साहब! इन भ्रष्टाचार फैलाने वालों को तो घर ही बैठाना होगा, यह बाज आने वाले नहीं है!
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