ईटानगर 09 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अरुणाचल प्रदेश पहुंचे। ईटानगर में अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पीएम मोदी को उपहार देकर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने यहां सेला टनल का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने पूर्वोत्तर में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए। शनिवार की सुबह उन्होंने हाथी पर सवार होकर काजीरंगा उद्यान की सैर की। बताते चले कि प्रधानमंत्री ने इस सुरंग की आधारशिला फरवरी 2019 में रखी थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में सेला टनल का उद्घाटन किया। सेला टनल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मुझे विकसित उत्तर-पूर्व के इस त्योहार में सभी नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों का हिस्सा बनने का अवसर मिला है। उन्होंने ‘विकसित भारत विकसित नॉर्थ-ईस्ट’ प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि हम नॉर्थ-ईस्ट को देश के विकास का इंजिन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट के विकास के लिए हमारा विजन अष्ट लक्ष्मी का है। हमारा नॉर्थ-ईस्ट साउथ एशिया और ईस्ट एशिया के साथ कारोबार और पर्यटन के लिए मजबूत लिंक बन रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने सीमावर्ती गांवों की उपेक्षा की थी और इसे आखिरी गांव कहा था, लेकिन मेरे लिए यह पहला गांव है। इसलिए हमने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि आपने ‘मोदी की गारंटी’ के बारे में तो सुना ही होगा। अरुणाचल प्रदेश पहुंच कर आपको इसका मतलब समझ आ जाएगा। पूरा पूर्वोत्तर इसका गवाह है। मैंने 2019 में यहां सेला टनल की नींव रखी थी, जिसका आज उद्घाटन किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से लेकर 2014 तक पूर्वोत्तर में 10 हजार किमी नेशनल हाइवे बनाए गए थे, जबकि बीते 10 वर्षों में ही 6 हजार किमी से अधिक नेशनल हाइवे बनाए गए हैं। जितना काम 7 दशक में हुआ, उतना हमने 1 दशक में करीब-करीब कर दिया है।
बता दें कि 13000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी दो लेन की सुरंग है. इसको बनाने में लेटेस्ट टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है. इस टनल पर बर्फबारी का असर नहीं होगा. यह परियोजना न केवल क्षेत्र में तेज़ और अधिक कुशल परिवहन मार्ग प्रदान करेगी बल्कि देश के लिए रणनीतिक महत्व की है. चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश में यह सुरंग सैनिकों को तवांग सेक्टर के फॉरवर्ड इलाकों तक जल्द पहुंचने में गेमचेंजर साबित होगी. यह सुरंग एलएसी पर भारतीय सेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी. इससे भारतीय सेना और हथियारों की आवाजाही आसानी हो जाएगी. इसके अलावा सुरक्षा के साथ-साथ इस क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होगा. इसे करीब 825 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है.
सेला टनल प्रॉजेक्ट में दो सुरंगें शामिल हैं. पहली 980 मीटर लंबी सुरंग जो सिंगल ट्यूब टनल है. दूसरी 1555 मीटर लंबी सुरंग जो ट्विन ट्यूब टनल है. यह 13000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है. इसका निर्माण नई ऑस्ट्रियाई टनलिंग पद्धति का उपयोग करके किया गया है और इसमें उच्चतम मानकों की सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं.