गांधीनगर, 10 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। 10 से 12 जनवरी तक सम्मेलन के 10वें संस्करण का आयोजन होगा। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय गेटवे टू द फ्यूचर है। सम्मेलन में 34 देश और 16 संगठन शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी शामिल रहे।
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को संबोधन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत को विकसित बनाने का हमारा लक्ष्य है, आपके सपने ही मोदी का संकल्प है। आज तेजी से बदलते हुए वर्ल्ड ऑर्डर में भारत विश्वमित्र की भूमिका में आगे बढ़ रहा है। आज भारत ने विश्व को ये भरोसा दिया है कि हम साझा लक्ष्य तय कर सकते हैं, अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। मैं जो बोलता हूं वह पूरा होता है।
पीएम मोदी का कहना है कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट आत्मनिर्भर भारत के लिए समृद्ध गुजरात की परिकल्पना के साथ नई ऊंचाइयां हासिल करता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे हुए हैं और अब भारत अगले 25 वर्षों के लक्ष्य पर काम कर रहा है। जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, तब तक हमने भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। यह 25 साल का कार्यकाल भारत का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में यह पहला वाइब्रेंट गुजरात समिट हो रहा है, इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूएई के राष्ट्रपति का इस आयोजन में शामिल होना हमारे लिए बहुत खुशी की बात है। उनका मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होना बारत और यूएई के मजबूत होते आत्मीय संबंधों का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले ही वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को 20 साल पूरे हुए हैं। बीते 20 वर्षों में इस समिट ने नए विचारों को प्लेटफॉर्म दिया है। इसने निवेश और रिटर्न के लिए गेटवे बनाए हैं। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की इस बार की थीम है- गेटवे टू द फ्यूचर। 21वीं सदी की दुनिया का भविष्य हमारे साझे प्रयासों से ही उज्ज्वल बनेगा। भारत ने अपने जी20 अध्यक्षता के दौरान भी वैश्विक भविष्य के लिए एक रोडमैप दिया है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि 10 साल पहले भारत 11वें स्थान पर था। आज दुनिया की हर प्रमुख रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की टॉप 3 इकोनॉमी में जाएगा।
विश्व कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता, निष्ठा, प्रयास और भारत का परिश्रम आज की दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और समृद्ध बना रहा है।