asd एएमयू में मिले होली मिलन की अनुमति, देश के सभी शिक्षा संस्थानों में त्योहारों के आयोजन पर विवाद क्यों

एएमयू में मिले होली मिलन की अनुमति, देश के सभी शिक्षा संस्थानों में त्योहारों के आयोजन पर विवाद क्यों

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पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एएमयू को मिनी इंडिया का दर्जा दिया गया था। तथा शिक्षा के मंदिर किसी धर्म जाति के प्रतीक नहीं होते। उनमें सभी वर्गों के युवा शिक्षा ग्रहण करते हैं इसलिए देशभर में सभी धर्मो के त्योहार भारतीय परंपरा सर्वधर्म सदभाव को निभाने के लिए आयोजित होते रहे हैं। लेकिन एक समाचार पत्र में यह खबर पढ़कर आश्चर्य हुआ कि अलीगढ़ मुस्लिम विवि प्रशासन द्वारा हिंदू छात्रों को होली मिलन समारोह के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है। एक खबर के अनुसार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में होली मिलन समारोह के आयोजन की अनुमति नहीं देने का मामला प्रकाश में आया है। एएमयू के छात्र नेता अखिल कौशल का कहना है कि एनआरएससी में होली मिलन समारोह के लिए कुलपति से अनुमति मांगी थी, लेकिन इन्कार कर दिया गया।
अखिल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एएमयू को मिनी इंडिया बताया था। एएमयू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। इसलिए सारे धर्मों के छात्रों का यहां पर बराबर का अधिकार है। हर हॉस्टल व डिपार्टमेंट में इफ्तार पार्टी होती है। यूनिवर्सिटी परिसर में मुहर्रम, चेहल्लुम व ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला जाता है। होली मिलन समारोह को नया रिवाज बताकर मना कर दिया गया। अखिल ने इस मामले में पीएम को पत्र के माध्यम से अवगत कराने की बात कही है।
दूसरी ओर प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने कहा कि होली खेलने के लिए यूनिवर्सिटी परिसर में कहीं भी मनाही नहीं है। यहां पर होली के अवसर पर हिंदू छात्र होली खेलते हैं। उनके साथ कोई भी उत्सव में शामिल हो सकता है। इसके लिए किसी भी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता ही नहीं है। छात्र कहीं पर भी सामूहिक रूप से होली मिलन समारोह भी करते हैं। इसके लिए भी किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। अनुमति मांगने के नाम पर एक गैर जरूरी विषय को उछाला जा रहा है।
मगर अगर ध्यान से सोचे तो यह मामला देश के संविधान के अनुकूल नहीं है। इससे एक गलत परंपरा पड़ने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। मेरा मानना है कि केंद्र व प्रदेश के शिक्षा मंत्रालय और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को इस बारे में निर्णय लेना चाहिए। क्येांकि अगर एएमयू में होली मिलन का आयोजन नहीं होता है तो फिर देश के स्कूल कॉलेजों में अन्य धर्मों के आयोजन होना भी कठिनाई का कारण बनने लगेंगे। ऐसा ना हो इसलिए होली मिलन के आयोजन की अनुमति एएमयू के प्रबंध समिति के सदस्यों और कुलपति को देनी चाहिए राष्ट्रहित में। सरकार ऐसी नीति बनाएं कि सभी धर्मों के लोग त्याहारों पर आयोजन कर सके।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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