नई दिल्ली 31 दिसंबर। 1 जनवरी 2025 से यूपीआई यूजर्स के लिए बहुत कुछ बदलने वाला है। नए साल से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) UPI लेनदेन में यूजर्स की सुविधा बढ़ाने के लिए कुछ नियमों में बदलाव कर रहा है। नए नियम लागू होने के बाद यूजर्स को पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे भेजने की परमिशन मिलेगी। इसके अलावा कुछ और जरूरी चीजें यूपीआई में शामिल की गई हैं।
RBI ने फीचर फोन यूजर्स के लिए डिजाइन की गई सर्विस UPI123Pay के लिए लेनदेन की लिमिट को बढ़ाने का फैसला किया है। 1 जनवरी 2025 से यूजर्स UPI123Pay के जरिये प्रतिदिन 10,000 रुपये तक का पेमेंट कर सकेंगे। पहले इसकी लिमिट 5000 रुपये थी। UPI123Pay यूजर्स को तो ज्यादा पैसे भेजने की सुविधा मिल गई है।
लेकिन, ध्यान रखने वाली बात है कि PhonePe, Paytm और Google Pay जैसे स्मार्टफोन ऐप के लिए लेनदेन की लिमिट अभी भी पहले जितनी ही है। यूजर्स प्रतिदिन एक लाख रुपये का यूपीआई से लेनदेन कर सकते हैं। हालांकि मुश्किल स्थिति में पांच लाख रुपये तक पेमेंट करने की भी सुविधा है। खासकर कॉलेज की फीस और हॉस्पिटल में।
UPI सर्कल फीचर 2024 में लॉन्च हुआ है और अगले साल से यह सभी यूपीआई सपोर्टेड प्लेटफॉर्म पर लागू हो जाएगा। वर्तमान में BHIM ऐप के यूजर्स UPI सर्कल का लाभ उठा सकते हैं। इसमें यूजर को दोस्त, फैमिली मेंबर को शामिल करने की परमिशन मिलती है। जिससे दूसरा यूजर बिना बैंक अकाउंट के ही पेमेंट कर सकता है। इसमें प्राइमरी यूजर को लिमिट तय करनी होती है कि वह दूसरे यूजर को कितने रुपये खर्च करने की परमिशन दे रहा है।
यूपीआई सर्कल फीचर दो ऑप्शन के साथ काम करेगा- फुल डेलिगेशन और पार्शियल डेलिगेशन
फुल डेलिगेशन- फुल डेलिगेशन ऑप्शन के साथ सेकेंडरी यूजर को तय लिमिट के साथ ट्रांजैक्शन शुरू करने से लेकर पूरा करने तक की परमिशन मिलेगी।
पार्शियल डेलिगेशन- पार्शियल डेलिगेशन ऑप्शन के साथ सेकेंडरी यूजर किसी ट्रांजैक्शन को केवल शुरू कर सकेगा। ट्रांजैक्शन को पूरा प्राइमरी यूजर ही करेगा, जिसके लिए वह यूपीआई पिन का इस्तेमाल करेगा।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम का कहना है कि इसके लिए मेंबर्स को कुछ नियमों का भी ध्यान रखना जरूरी होगा-
एक प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के रूप में ज्यादा से ज्यादा 5 यूजर को जोड़ सकेगा।
हर ट्रांजैक्शन के लिए 5000 रुपये लिमिट होगी। यही लिमिट मंथली 15000 रुपये तक होगी।
यूपीआई ऐप्स के साथ सेकेंडरी यूजर के लिए पासकोड, बायोमैट्रिक्स की जानकारी जरूरी होगी।