नई दिल्ली 08 मार्च। नामी गैंगस्टर्स और उनके गुर्गों के फर्जी दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट बनाने वाले सिंडिकेट का क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है। गैंग सरगना निशांत कुमार सक्सेना (42), सूफियान (28), अतुल कुमार (34), उसमा जफर (28) और हरियाणा के जींद के सुखदीप सिंह (36) को अरेस्ट किया गया। इनके अलावा गैंगस्टर नीरज बवानिया के गुर्गे जींद के मोनू उर्फ आर्यन (27) और पंजाब के हिस्ट्रीशीटर हरपाल सिंह (57) को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने लखनऊ से नकली नाम पर पासपोर्ट बनवा रखे थे।
गिरफ्तार आरोपितों में नीरज बवाना गिरोह का गैंगस्टर और गिरोह का मुख्य सरगना भी शामिल है। इनके कब्जे से छह फर्जी पासपोर्ट, बैंकों और अन्य संस्थानों की 12 मोहरें, 12 मोबाइल फोन, दो लैपटाप, दो सीपीयू, आधार, वोटर आइडी, पैन के लगभग एक हजार खाली और भरे हुए पीवीसी कार्ड बरामद हुए हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार सैन के मुताबिक, आरोपितों को पकड़ने के लिए टीम ने नकली ग्राहक को फर्जी पहचान का उपयोग करके नया पासपोर्ट तैयार करने के लिए लगाया था। निशांत कुमार ने एजेंट सूफियान और अन्य सिंडिकेट सदस्यों के साथ मिलकर फर्जी ग्राहक के आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि फर्जी दस्तावेज तैयार किए। लखनऊ के पासपोर्ट सेवा केंद्र के कर्मचारी की मदद ली। फर्जी पासपोर्ट की डिलिवरी 25 फरवरी को होनी थी।
सरगना निशांत के लखनऊ स्थित घर में रेड की गई। इससे कमल कुमार शर्मा के नाम वाला पासपोर्ट मिला। पुलिस ने छह फर्जी नाम वाले पासपोर्ट, दो सीपीयू, 12 फोन और कई दस्तावेज रिकवर किए। सिंडिकेट के पांच मेंबरों के अलावा गैंगस्टर नीरज बवानिया गैंग के गुर्गे और पंजाब के एक हिस्ट्रीशीटर को भी पकड़ा गया, जिन्होंने फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाए थे। कई अपराधियों के डेटा भी रिकवर हुए हैं, जिन्होंने इस गिरोह से पासपोर्ट बनवा रखे हैं। पुलिस अब तक 25 से ज्यादा की पहचान कर चुकी है।
निशांत सक्सेना पेशे से एडवोकेट है। इसने लखनऊ की गुरु रवींद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी और ग्रेटर नोएडा की ग्लोबल यूनिवर्सिटी से एलएलएम की डिग्री ली है। पहले टूर-ट्रैवल्स का काम करता था। ये 2022 से अवैध काम में लग गया। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के एजेंट्स क्लाइंट भेजते थे। लुधियाना के गुरविंदर सिंह को कुछ समय यूएसए से डिपोर्ट कराया गया। इस मामले में निशांत के खिलाफ लुधियाना में केस दर्ज हुआ।
लखनऊ स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र के बाहर सूफियान एजेंट था। पीएसके अफसरों से लिंक थे। अतुल कुमार भी वहीं एजेंट था। साइबर कैफे आदि से आधार कार्ड समेत अन्य फर्जी नाम के दस्तावेज बनवाता था। उसमा जफर फर्जी आधार, वोटर कार्ड और अन्य फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। सुखदीप सिंह करनाल में एजेंट का काम करता था। यह ग्लोबल स्टडी के नाम से कंसल्टेंसी फर्म चलाता था। यह पासपोर्ट के लिए निशांत के पास क्लाइंट भेजने का काम करता था।
बवानिया का गुर्गा मोनू उर्फ आर्यन पर चार मर्डर समेत छह केस हैं। फर्जी पते और नाम पर लखनऊ से सितंबर 2024 में पासपोर्ट बनवाया। दुबई के जरिए अमेरिका भागने की फिराक में था। पंजाब के हिस्ट्रीशीटर हरपाल सिंह पर ठगी के सात केस हैं। अपने साथ आरोपी पत्नी और बेटी के भी नकली नाम से पासपोर्ट तैयार करवा रखे थे। इसके बेटे कनाडा और अमेरिका में रहते हैं। ये अब परिवार के साथ विदेश भागने की कोशिश में था। यह पंजाब पुलिस का बर्खास्त सिपाही है।