रियासी 05 मई। पाकिस्तान की ओर बहने वाली चिनाब नदी पर जम्मू-कश्मीर के सलाल बांध के सभी द्वार बंद होने से रियासी जिले में जल स्तर में भारी गिरावट आ गई है. इसे सीमा पार के खिलाफ एक एक्शन के रूप में देखा जा रहा है. वहीं रामबन में चिनाब नदी पर बगलिहार जलविद्युत परियोजना बांध से पानी बहता देखा गया. इस पर बीजेपी ने पीएम मोदी की पाकिस्तान के खिलाफ की गई इस कार्रवाई पर खुशी जताई है.
सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस कार्रवाई के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के एक्शन को सराहा है. उन्होंने लिखा, ‘भारत के हित में कठोर निर्णय लेने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यों के माध्यम से यह प्रदर्शित किया है. यह मोदी का सशक्त सिद्धांत है, जो आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ और अडिग है. हमारे नागरिकों का पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते. यह स्पष्ट होना चाहिए.’
इसको लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 28 अप्रैल को सिंधु जल संधि को स्थगित करने के निर्णय की भारत सरकार के कदम को सराहा था. धामी ने इसे पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक साहसिक कदम बताया था.
सीएम धामी ने कहा कि आज का भारत दोस्ती-दुश्मनी दोनों निभाना जानता है. उन्होंने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह बहुत अच्छा फैसला है. खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. आज का भारत दोस्ती और दुश्मनी दोनों निभाना जानता है.’
बताते चले कि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर 9 साल की बातचीत के बाद 1960 में हस्ताक्षर हुए थे. इस संधि की मध्यक्षता विश्व बैंक ने की थी. और इस संधि पर वो एक हस्ताक्षरकर्ता भी है.
सिंधु नदी जल संधि पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम, चिनाब को पाकिस्तान और पूर्वी नदियों रावी, ब्यास, सतलुज को भारत को आवंटित करती है. इसके साथ ही ये संधि प्रत्येक देश को दूसरे को आवंटित नदियों के कुछ उपयोग की अनुमति भी देती है. इस संधि के तहत भारत को सिंधु नदी प्रणाली से 20 फीसदी पानी और बाकी का बड़ा हिस्सा 80 प्रतिशत पाकिस्तान को देने पर सहमति थी.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हमला साल 2019 के हुए पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में हुए सबसे घातक हमलों में से एक है. पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. वहीं पहलगाम आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए. भारत ने पहलगाम हमले के बाद सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. इसको लेकर सिंधु जल संधि को भारत ने स्थगित कर रखा है.