नई दिल्ली 27 जून। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान मूल के ₹9 करोड़ का माल जब्त किया है. डीआरआई ने ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट के ज़रिए बड़ी कार्रवाई की और पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया है. डीआरआई ने पाकिस्तान मूल के ₹9करोड़ मूल्य के 1,115 मीट्रिक टन माल से भरे 39 कंटेनर जब्त किए हैं. 26 जून को इम्पोर्टर कंपनी के एक पार्टनर को भी गिरफ्तार किया गया है.
सुरक्षा के मद्देनजर यह DRI का बड़ा ऑपरेशन है. पाकिस्तान इस मोड्स ऑपरेंडी से भारत में कुछ भी भेज सकता है. DRI की टीम JNPT पोर्ट पर दुबई और UAE से आए बाकी के कंटेनरों की भी जांच कर रही है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध के बाद भी UAE के रास्ते से पाकिस्तान से माल इम्पोर्ट हो रहा था. सरकार ने 2 मई 2025 से पाकिस्तान मूल के किसी भी माल के आयात या ट्रांजिट पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है.
इससे पहले ऐसे माल पर 200% सीमा शुल्क लगाया जाता था. इसके बावजूद कुछ आयातकों ने माल की उत्पत्ति को छिपाकर और शिपिंग दस्तावेजों में हेरफेर कर इस प्रतिबंध को चकमा देने की कोशिश की.
इन कंटेनरों को यूएई मूल का बताकर आयात किया जा रहा था लेकिन इन कंटेनरों को नवी मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर ही जब्त कर लिया गया. डीआरआई की जांच में पता चला कि माल को पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से दुबई के जेबेल अली पोर्ट होते हुए भारत लाया गया था. इन आयातों के पीछे पाकिस्तानी और यूएई नागरिकों की मिलीभगत की जानकारी निकलकर सामने आई है. इसमें एक जटिल वित्तीय और लॉजिस्टिक नेटवर्क काम कर रहा था. अवैध वित्तीय लेनदेन की आशंका जताई जा रही है. पाकिस्तान के व्यापारिक संस्थानों से जुड़े आर्थिक लेनदेन और मनी ट्रेल भी ट्रेस किए गए हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
इन आयातों के पीछे पाकिस्तानी और यूएई नागरिकों की मिलीभगत की जानकारी निकलकर सामने आई है. इसमें एक जटिल वित्तीय और लॉजिस्टिक नेटवर्क काम कर रहा था. अवैध वित्तीय लेनदेन की आशंका जताई जा रही है. पाकिस्तान के व्यापारिक संस्थानों से जुड़े आर्थिक लेनदेन और मनी ट्रेल भी ट्रेस किए गए हैं. डीआरआई ने मौजूदा स्थितियों को देखते हुए ऑपरेशन सिंदूर और खुफिया तंत्र को और तेज कर दिया है.
सूत्रों का कहना है कि अब यह जांच का हिस्सा है कि इन कंटेनरों में कहीं कोई ‘छिपाया गया माल’, संदिग्ध डिवाइस या खुफिया नेटवर्क का कोई कनेक्शन तो नहीं. हर कंटेनर को DRI की फॉरेंसिक टीम और सुरक्षा एजेंसियां बारीकी से खंगाल रही हैं.