पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देशभर में भारी रोष को देखते हुए फिलहाल पीएम मोदी की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई बैठक में कई दृष्टिकोण से इस जघन्य हत्याकांड को लेकर चर्चा हुई। इसका जवाब कब कैसे कैसे दिया जा सकता है इस पर भी विचार हुआ बताते हैं। फिलहाल भारत ने अटारी बॉर्डर बंद किया। 48 घंटे में पाक नागरिक भारत छोड़े सिंधु समझौता किया स्थगित सेना को हाई अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए गए। कहीं आतंकी हमले में पांच लोगों के होने की बात सामने आ रही है तो तीन के स्कैच जारी किए गए हैं। सरकार मारे गए पर्यटकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। कोई श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है तो कुछ मोमबत्ती और मशाल लेकर सड़कों पर इस घटना का विरोध कर रहे हैं। सांसद साक्षी महाराज और श्रीश्री रविशंकर सहित देश के कई साधु संतों ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। दूसरी तरफ फिल्म स्टारों की भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। सब राय व्यक्त कर रहे हैं। केंद्र सरकार और उसके मंत्रियों के आ रहे बयानों से पता चलता है कि कहीं ना कहीं जल्दी ही कुछ ऐसा होगा जिससे नागरिकों का दुख कुछ कम हो पाएगा। जम्मू कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवारों को दस-दस लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है तो सीएम उमर अब्दुल्ला लोगों से अपील कर रहे हैं कि वो कश्मीरियों को अपना दुश्मन ना समझें। मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मंदिरों में पूजा चल रही है लेकिन इस सबके बावजूद इस बात में कोई दो राय नजर नहीं आती है कि सुरक्षा में कहीं ना कहीं ढील और हमारा खुफिया तंत्र उतना सफल नहीं रहा जितना उसे होना चाहिए था।
इस घटना से दुखी आम आदमी ही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस हमले के दोषियों से निपटने और पीड़ितों की सहायता के मामले में कांग्रेस पूरी तौर पर सरकार के साथ है। कई जगह बाजार बंद होने की खबरें सामने आई है। यह भी कहा जा रहा है कि यह साजिश पीओके में रची गई होगी। मेरा मानना है कि जो हुआ वो ह्रदयविदारक है लेकिन सिंधु जल रोका तो परेशानी में आ सकता है पाक। इसलिए इसे तुरंत रोकना चाहिए। 35 साल में पहली बार इतनी बड़ी इस घटना के विरोध में कश्मीर घाटी पूरी तौर पर बंद रही तो पूरी दुनिया ने कहा कि आतंक से जंग में हम भारत के साथ हैं। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए देश के किसी नागररिक को पीड़ा ना हो लेकिन संदिग्धावस्था वाले व्यक्तियों को किसी भी रूप में बख्शा नहीं जाना चाहिए। पीएम मोदी सरकार जो भी कदम उठाएगी नागरिक उसके समर्थन में उनके साथ हैं। जैसा कि कांग्रेस कह चुकी है। इस घटना के दोषियों से निपटने में जो भी कदम सरकार उठाएगी उसमें उसका विरोध शायद कहीं भी नहीं होगा और समर्थन भरपूर मिलेगा। बस पूर्व में की गई सर्जिकल स्ट्राइक जैसा निर्णय लीजिए जो दोषी तो सजा पाएं ही भविष्य में और कोई ऐसा दुस्साहस करने की हिम्मत ना जुटा पाए। क्योंकि अब मोमबत्ती जलाने या सांत्वना देने से ना तो यह जो जीवन भर का दुख पीड़ितों के हिस्से में आया है वो दूर होने वाला है और ना आतंकी इससे सबक लेने वाले हैं। आम नागरिकों के मन का शोर और आंखों के अंगार तभी शांत हो पाएंगे जब कुछ अलग होगा। जिस हिसाब से नागरिक सड़कों पर इस घटना के विरोध में उतर रहे हैं उससे पीएम साहब यह तो साफ हो रहा है कि हर कोई बस अब सरकार के एक्शन और पीएम के कथन कि सजा मिलकर रहेगी। आतंकियों की बची खुची को भी मिटटी में मिलाने का समय आ गया है पर काम किए जाने का इंतजार है। क्योंकि यह घटना कोई सामान्य नहीं है। कश्मीर मुददे के हुए समाधान के बाद हुई इतनी बड़ी दरिंदगी सहने योग्य नहीं कही जा सकती। जो लोग हमसे बिछड़ गए उनके दुखी परिवारों को भी समझना होगा कि पूरा देश उनके साथ है। सरकार इस मामले में कोई कमी छोड़ने वाली नहीं है। देश को कोई भी नागरिक इस मामले में पीड़ितों का साथ देने में पीछे नहीं। इसलिए यह जानते हुए कि भी शोक संवेदनांए व्यक्त करने से इस दरिंदगी का समाधान नहीं होने वाला है लेकिन हम हमेशा आशा और धैर्यवान रहे हैं और दोषियों को मुंहतोड़ जवाब देने में कभी कमजोर सिद्ध नहीं हुए। इस बात को ध्यान रखते हुए मैं और मेरे सहयोगी और परिवार आप लोगों के साथ हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जिस तरह से आपका दुख कम हो सकता है उस पर जल्दी काम शुरू हो। भगवान हमसें बिछड़े लोगों को स्वर्ग में स्थान दे। ओम नम शिवाय।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
पहलगाम की दरिंगदी, खुफिया चूक कहा रही, पीएम साहब दोषियों को मिटटी में मिलाने में देरी ठीक नहीं
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