ऑनलाइन गेम तंबाकू गुटखा शराब या पॉलिथिन का उपयोग देशवासियों के लिए हानिकारक और परिवारों की बर्बादी का कारण बनने के साथ साथ कितने ही लोगों की मौत का कारण बन रहा है। हमारी सरकार द्वारा इन सबको लेकर चेतावनी जारी की जाती है और कहीं ना कहीं जब हम इसे खेलते या उपयोग करते हैं तो भी इसकी हानि से संबंध चेतावनी नजर आती है लेकिन हम अपने जीवन और स्वास्थ्य के प्रति जो लापरवाह होते जा रहे हैं उसके परिणाम भी खतरनाक सामने आ रहे हैं। अभी पिछले दिनों पीएम मोदी द्वारा शुरू कराए गए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को 11वां योग दिवस मनाया गया। देश में यह किसी उत्सव की भांति मनाया गया। इसके बाद भी हम जो गलतियां कर रहे हैं वो सुधरनी चाहिए। कहते हैं कि भय बिन प्रीत ना होए गोपाला। अगर हम इन कुरीतियों को दूर करना चाहते हैं तो मुझे लगता है कि सरकार को इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना होगा क्योंकि आसानी से उपर दिए प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है। तंबाकू और नशे के नुकसान के बारे में टीवी पर काफी कुछ दिखाया जाता है। लेकिन फिर भी इनकी खपत बढ़ती जा रही है। कुछ सालों से ऑनलाइन गेम जीवन समाप्ति आर्थिक बर्बादी और परिवारों के विनाश का कारण बनता जा रहा है। जब इनका प्रचार होता है तो उसमें कई लोगों के इंटरव्यू नजर आते है कि ऑनलाइन गेम में उन्होंने जीतकर क्या किया मगर यह कहीं नहीं दिखाया जाता कि कितनों के इससे घर बर्बाद हो गए और कितने अपनी जान से हाथ धो बैठे। अगर हमें ऑनलाइन गेम के तहत बिजनौर के व्यापारी वरूण जैसे लोगों को बचाना है तो कमाने की बजाय कितना गंवाया इसके विज्ञापन में चेतावनी के द्वारा दिखाया जाना चाहिए क्योंकि सबकी सुरक्षा और आर्थिक रूप से रक्षा करने की गारंटी सरकार की है। इसलिए इस मामले में हम सोशल मीडिया का उपयोग कर कानून, गृह, वित्त मंत्रालय के साथ पीएम तक अपनी बात पहुंचाकर समाज में इसका क्या परिणाम हो रहा है इससे उन्हें अवगत कराएं। वरना हमारे मरते रहेंगे और हम रोटियों के लिए मोहताज बनते रहेंगे। बताते चलें कि बिजनौर के स्योहारा निवासी वरूण मुरादाबाद में पानी की सप्लाई का कार्य करता था। ऑनलाइन गेम में करोड़ो रूपये हारकर उसने आत्महत्या कर ली और पत्नी को लिखे नोट में स्पष्ट किया कि वो 20 बीघा जमीन एक करोड़ 16 लाख में बेच चुका है। इससे पहले भी 15 बीघा जमीन बेची थी। आगे की बर्बादी रोकने के लिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं। अगर ऐसा नहीं किया तो सबकुछ खत्म हो जाएगा। इस मौत से परिवार की हालत के बारे में पारिवारिक व्यक्ति जान सकता है। मैं तो सिर्फ इतना कहूंगा कि सरकार नागरिकों को बचाने के लिए ऐसे कार्य से बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए और परिवार उस पर ऐसा बोझ ना डालें कि आमदनी बढ़ाने के लिए अपनी जान से हाथ धो बैठे।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
ऑनलाइन गेमिंग ने ले ली बिजनौर के वरूण की जान, सरकार आम आदमी के लिए, नुकसानदायक गेम और शराब या सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर लगाए रोक
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