लखनऊ 14 नवंबर। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने भूमि पैमाइश के मामलों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सख्त कार्रवाई करते हुए एक IAS और तीन PCS अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर लखीमपुर खीरी में तैनाती के दौरान पैमाइश से जुड़े मामलों में ढिलाई बरतने और घूस लेने का आरोप था। मामले की उच्चस्तरीय जांच और रिपोर्ट के बाद इन अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। शासन की ओर से बुधवार की देर रात इस बात की जानकारी मीडिया को दी गई है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में उनके खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर यह एक्शन लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक निलंबित अफसरों पर आरएसएस से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी की जमीन नापने में टालमटोल करने का आरोप है. ये प्रकरण 6 वर्षों से लंबित था. उस अवधि में जितने भी अधिकारी तैनात थे सबके विरुद्ध कार्रवाई हुई है. वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है.
शासन ने आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है. पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है. आरोप है कि इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान आरएसएस नेता की जमीन पैमाइश के मामलों में टालमटोल की. इसकी सरकार जांच करवा रही है.
नियुक्ति विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि इन सभी अधिकारियों को निलंबित करके राजस्व विभाग से अटैच कर दिया गया है. निलंबन के दौरान इनका गुजारा भत्ता दिया जाएगा जो की वेतन का लगभग 50% होगा. इसके अतिरिक्त इनका समय-समय पर राजस्व विभाग में अपनी हाजिरी दर्ज करानी होगी. राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों को इस मामले की जांच दे दी गई है. अगले दो से तीन महीने के भीतर जांच पूरी करके अधिकारियों के खिलाफ दंड का प्रावधान किया जाएगा.