नई दिल्ली 09 जुलाई। अपनी उम्र पूरी कर चुके दिल्ली के वाहनों को अक्तूबर तक राहत मिल गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में पुराने वाहनों को ईंधन न देने का फैसला एक नवंबर तक के लिए टाल दिया गया।
नवंबर से यह अभियान दिल्ली के साथ ही ज्यादा वाहन घनत्व वाले एनसीआर के पांच जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में चलाया जाएगा। वहीं, एनसीआर के बाकी जिलों में यह पाबंदी एक अप्रैल 2026 से लागू की जाएगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह सराहनीय निर्णय है।
एक जुलाई से थी रोक: आयोग ने पहले एक जुलाई से दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर इसे लागू करने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के लागू होने के बाद अलग-अलग वर्गों की ओर से पाबंदी को लेकर आपत्ति जताई जा रही थी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस मुद्दे पर तीन जुलाई को आयोग को पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि पूरे एनसीआर में एक साथ लागू होने तक इस पाबंदी में राहत दी जानी चाहिए।
सिस्टम सुधारने का मौका : दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर समय सीमा पूरी कर चुके वाहनों का पता लगाने के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरे लगाए हैं। कैमरा वाहनों की नंबर प्लेट को पढ़ता है और डाटाबेस से जांच करता है।
आपत्तियों पर विचार के बाद फैसला वापस लिया
आयोग की बैठक में दिल्ली सरकार की आपत्तियों पर गहराई से विचार किया गया। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में केवल दिल्ली में प्रदूषण पाबंदी लागू होने की दशा में एनसीआर जिलों से ईंधन भराए जाने का तथ्य रखा गया। पेट्रोल पंपों पर पूरा सिस्टम ठीक से काम नहीं करने और शिकायतें आने की बात भी कही गई।