लखनऊ 08 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आकांक्षात्मक जिलों और आकांक्षात्मक विकास खंडों में आये बदलाव का स्थलीय परीक्षण करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रमण पर भेजने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को आकांक्षात्मक जिलों और आकांक्षात्मक विकास खंड कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आठ आकांक्षात्मक जिलों में प्रमुख सचिव-सचिव स्तर के आठ अलग-अलग अधिकारियों को तीन दिन के दौरे पर भेजा जाए। साथ ही मुख्यमंत्री ने सीएम फेलो की समीक्षा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश के आकांक्षात्मक जिलों एवं विकास खंडों की स्थिति की समीक्षा की। इसी तरह 108 आकांक्षात्मक विकास खंडों में भ्रमण के लिए विशेष सचिव स्तर के 108 अधिकारियों को भेजा जाए।
मुख्यमंत्री की मंशा है कि यह अधिकारी इन कार्यक्रमों के प्रारम्भ से अब तक इन क्षेत्रों में आए वास्तविक बदलाव का स्थलीय निरीक्षण करें और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। भ्रमण के लिए प्रमुख सचिव-सचिव तथा विशेष सचिव की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा संचालित इन कार्यक्रमों के माध्यम से शासन की प्राथमिकता अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सेवा एवं विकास की पहुंच सुनिश्चित करना है। कहा कि आकांक्षात्मक जिलों में निरंतर प्रयास, समीक्षा और अनुश्रवण के कारण उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है। यह संतोषजनक है कि देश के प्रथम 10 आकांक्षात्मक जिलों में उत्तर प्रदेश के 6 जिले सम्मिलित हैं। स्वास्थ्य एवं पुष्टाहार क्षेत्र में बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती और फतेहपुर देश के टॉप-10 जिलों में शामिल हैं।
तय होगी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो की जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम फेलो के कार्यों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इनकी तैनाती के लगभग ढाई वर्ष हो चुके हैं। तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर इनकी रैंकिंग तैयार की जाए। सरकार, सीएम फेलो को शासकीय सेवा में आने पर वेटेज भी देगी।