नई दिल्ली 18 अक्टूबर। भारतीय रेलवे की तरफ से टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव किया गया है, जिसके तहत अब चार महीने नहीं बल्कि दो महीने पहले से ही आप टिकट रिजर्व करवा सकते हैं. यानी अगर आपको जनवरी 2025 में यात्रा करनी है तो नवंबर में ही टिकट बुक कराना होगा. अब ये खबर तो आपको अब तक मिल ही चुकी होगी, लेकिन हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि इस फैसले का रेलवे को क्या और कितना नुकसान होगा.
ऐसा पहली बार नहीं है कि रेलवे की तरफ से टिकट रिजर्वेशन के नियमों में बदलाव किया गया हो, इससे पहले भी एक और फिर दो महीने वाला नियम रेलवे ला चुका है. हालांकि बाद में इसे बढ़ाकर पहले 90 दिन और फिर 120 दिन तक कर दिया गया था. अब एक बार फिर से इसे दो महीने यानी 60 दिन कर दिया गया है.
बताते हैं कि रोजाना कितने लोग ट्रेन से सफर करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक देशभर में रोजाना करीब 13 हजार ट्रेन चलती हैं. जिनमें दो करोड़ से ज्यादा यात्री रोज सफर करते हैं. यही वजह है कि रेलवे को भारत के लोगों की लाइफलाइन भी कहा जाता है.
ट्रेन से रोजाना करोड़ों लोग सफर करते हैं, ऐसे में जब चार महीने पहले ही लोग टिकट बुक करवा लेते थे तो पैसा सीधे रेलवे के खाते में पहुंच जाता था. यानी चार महीने पहले ही लगभग हर ट्रेन की सारी बुकिंग का पैसा रेलवे के पास होता था. हालांकि अब ये पैसा दो महीने पहले आएगा. यानी रेलवे को कुछ चीजों की तैयारी और खर्चे को लेकर थोड़ी मुश्किल जरूर हो सकती है.
अब टिकट बुक कराने का वक्त कम हो चुका है तो इसका सीधा असर कैंसिलेशन पर भी होगा. जो लोग चार महीने पहले ही टिकट बुक करवा लेते थे, उनमें कई ऐसे लोग भी शामिल होते थे जो इन चार महीने में किसी न किसी कारण से अपना टिकट कैंसिल कर देते थे. वहीं अब दो महीने का वक्त दिए जाने पर टिकट कैंसिलेशन कम होगा. यानी रेलवे को कैंसिलेशन चार्ज के नाम पर जो पैसा मिलता था, उसमें भी कटौती हो सकती है.